Dosti Shayari

अंधेरे मे रास्ता बनाना मुश्किल होता है, तूफान मे दीपक जलना मुश्किल होता है, दोस्ती करना गुनाह नही, इसे आखिरी सांस तक निभाना मुश्किल होता है.....!!!

मैंने मुल्कों की तरह, लोगों के दिल जीते हैं, ये हुकूमत किसी, तलवार की मोहताज नही….!!!

जो भी आता है एक नयी चोट दे के चला जाता है ए दोस्त, मै मज़बूत बहोत हु लेकिन कोई पत्थर तो नहीं…...!!!

तुम शराफ़त को बाज़ार में क्यूँ ले आए हो, दोस्त....ये सिक्का तो बरसों से नहीं चलता…!!!

अमीर होता तो बाज़ार से खरीद लाता नकली, गरीब हूँ इसलीये दील असली दे रहा हु….!!!

कितना कुछ जानता होगा वो सख्श मेरे बारे में, मेरे मुस्कुराने पर भी जिसने पूछ लिया कि तुम उदास क्यूँ हो......!!!

जब लगा था तीर तब इतना दर्द न हुआ, ज़ख्म का एहसास तब हुआ जब कमान देखी अपनों के हाथ में….!!!

क्या खूब मेरे क़त्ल का तरीका तूने इजाद किया, मर जाऊं हिचकियों से, इस कदर तूने याद किया…..!!

जिसे मौका मिलता है पीता जरुर है....दोस्त, जाने क्या मिठास है गरीब के खून में.........!!!

थक गया हूँ मै खुद को साबित करते करते... दोस्तों, मेरे तरीके गलत हो सकते हैं... लेकिन इरादे नहीं….....!!!

ये वक़्त बेवक़्त मेरे ख्यालों में आने की आदत छोड़ दो तुम, कसूर तुम्हारा होता है और लोग मुझे आवारा समझते हैं.......!!!

मुझे रिश्तो की लम्बी कतारो से मतलब नही, ऐ दोस्त...कोई दिल से हो मेरा तो बस इक शक्स ही काफी है….!!!

जो लोग दिल के अच्छे होते है, दिमाग वाले अक्सर उनका जम कर फायदा उठाते है......!!!

तुझे हर बात पे मेरी जरूरत पड़ती, काश मैं भी कोई झूठ होता……!!!

झुठ बोलकर तो मैं भी दरिया पार कर जाता, मगर डूबो दिया मुझे सच बोलने की आदत ने.......!!!