Dosti Shayari

एक ही शख्स था मेरे मतलब का दोस्तों वो शख्स भी मतलबी निकला…!!!

सोचते है, अब हम भी सीख ले यारों बेरुखी करना, सबको मोहब्बत देते-देते, हमने अपनी कदर खो दी है......!!!

बहुत महसूस होता है, तेरा महसूस ना करना......!!!

अगर प्यार है तो शक़ कैसा, अगर नहीं है तो हक़ कैसा......!!!

मुझको धुंड लेता है रोज किसी बहानोंसे, दर्द हो गया है वाक़िफ़ मेरे ठीकानोंसे..........!!!

तेरी वफ़ा के तकाजे बदल गये वरना, मुझे तो आज भी तुझसे अजीज कोई नहीं…..!!!

लिखने ही लगा था, की खुश हूँ तेरे बगैर, आँसू, कलम उठाने से पहले ही गिर गए…....!!!

झूठ बोलने का रियाज़ करता हूँ..... सुबह और शाम मैं, सच बोलने की अदा ने हमसे, कई अजीज़ 'यार' छीन लिये....….!!!

मैने फल देख के इन्सानों को पहचाना है, जो बहुत मीठे हों अंदर से सड़े रहते हैं.........!!!

अब ढूढ़ रहे है, वो मुझ को भूल जाने के तरीके, खफा हो कर उसकी मुश्किलें आसन कर दी मेने.......!!!

क्यों गरीब समझते हैं हमें ये जहां वाले, हजारों दर्द की दौलत से मालामाल हैं हम…...!!!

वो अच्छा है तो अच्छा है, वो बुरा है तो भी अच्छा है, दोस्ती के मिजाज़ में, यारों के ऐब नहीं देखे जाते.........!!!

झुक के जो आप से मिलता होगा, उस का क़द आप से ऊँचा होगा….....!!!

हम मतलबी नहीं की चाहने वालो को धोखा दे, बस हमें समझना हर किसी की बसकी बात नही........!!!

तू हर जगह खबसुरती तलाश न कर, हर अच्छी चीज मेरे जैसी नहीं होती.......!!!