सिकंदर हालात के आगे नहीं झुकता, तारा टूट भी जाए जमीन पर नहीं गिरता अरे गिरते है हजारो दरिया समुंदर मे पर कभी कोई समुंदर किसी दरिया मे नहीं गिरता
इस दुनिया मे जीतने भी चमत्कार है वो विचारो के है इन्हे गिरा डालो ये इंसान को हैवान बना देते है और इन्हे उठा डालो ये इंसान को भगवान बना देते है
ab aap ḳhud hī batā.eñ ye zindagī kyā hai karam bhī us ne kiye haiñ magar sitam jaise
दिल के तमाम ज़ख़्म तिरी हाँ से भर गए जितने कठिन थे रास्ते वो सब गुज़र गए जब से मिला है साथ मुझे आप का हुज़ूर सब ख़्वाब ज़िंदगी के हमारे सँवर गए
आदमी होना ख़ुदा होने से बेहतर काम है ख़ुद ही ख़ुद के ख़्वाब की ताबीर बन कर देख ले अपने ही आप से इस तरह हुए हैं रुख़्सत साँस को छोड़ दिया जिस सम्त भी जाना चाहे
ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होता अगर और जीते रहते यही इंतिज़ार होता
मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले
कहाँ मय-ख़ाने का दरवाज़ा 'ग़ालिब' और कहाँ वाइज़ पर इतना जानते हैं कल वो जाता था कि हम निकले
हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पे दम निकले बहुत निकले मिरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले इशरत-ए-क़तरा है दरिया में फ़ना हो जाना दर्द का हद से गुज़रना है दवा हो जाना
हैं और भी दुनिया में सुख़न-वर बहुत अच्छे कहते हैं कि 'ग़ालिब' का है अंदाज़-ए-बयाँ और हम को मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन दिल के ख़ुश रखने को 'ग़ालिब' ये ख़याल अच्छा है
बाज़ीचा-ए-अतफ़ाल है दुनिया मिरे आगे होता है शब-ओ-रोज़ तमाशा मिरे आगे बस-कि दुश्वार है हर काम का आसाँ होना आदमी को भी मयस्सर नहीं इंसाँ होना
आह को चाहिए इक उम्र असर होते तक कौन जीता है तिरी ज़ुल्फ़ के सर होते तक
उम्र की राह में जज्बात बदल जाते है। वक़्त की आंधी में हालात बदल जाते है सोचता हूं काम कर-कर के रिकॉर्ड तोड़ दूं। कमबख्त सैलेरी देख के ख्यालात बदल जाते हैं
Teri Nazar Me Jane Main Kaisa Banda Hun Aaina Tu Hi Hai Surat Niharne Ke Liye
Ye Dard Ka Bhanwar Dooba Na De Mujhko De Apna Hath Badha Apne Deewane Ke Liye
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