नवरात्रि की आप सबको हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई नवरात्रि के पावन पर्व पर आप सब मेरे साथ कसम खाएं , अपने देश की बहन बेटियों को बचाएं....✍
ओए सावधान हो गया कोई नहीं हिलेगा , कल 5:30 बजे सावधान हो जाएगा A to Z बंदा मिलेगा , आ तो जाएंगे बंदे पर ये क्या लगा रखे हो एक दो एक दो , यह भी इंसान हैं इन्हें टाइम से छोड़ दो , ओए तू मुह मत खोल , एक बार बताया ना तू मत बोल , कोई इधर गर्दन हिला रहा , तो कोई उधर हाथ मार रहा , क्या यह भाई बंदी का है आदेश , ढंग से कर लो भाई यह तुम्हारा है बेस , ये तू क्या कर रहा राजेश , पैर नहीं मारता बस चुपके से मिला देता है , जब कोई नहीं देखता तो हिला देता है , बहुत बढ़िया गुड अच्छा था थोड़ा मिला आएगा , साहब अगर पूरा दिन थोड़ा ही आएगा , तो उधर line में ADM कौन कराएगा , ओए तू मुह मत खोल , एक बार बताया ना तू मत बोल , साहब थक गया हू मै और टूट गया जिन्दगी का सारा सपना , अब इनको कौन समझाए घुटना डिमांड है अपना , अपनी जिंदगी की सारी बातें आपको बताई , थक सा गया लिखते लिखते भाई का छोटा भाई...✍
बहुत खूबसूरत हैं आँखें तुम्हारी; इन्हें बना दो किस्मत हमारी; हमें नहीं चाहिये ज़माने की खुशियाँ; अगर मिल जाये बस मोहब्बत तुम्हारी।
कहने को शब्द नहीं, लिखने को भाव नहीं, दर्द तो हो रहा है, पर दिखाने को घाव नहीं...✍ -bhai ka Chhota bhai
tum meri khwais nhi hakkikat bn jao.... ek baar jaan maang ke dekho haste haste hi mar jau❣️❣️❣️
जब से रहने लगा सब के संग , तब से पूरी पंडिताई हो गई भंग....✍ - Bhai Ka Chhota bhai
जाने किसकी दुआओं से जिंदा हूं मैं , सो शिकारी है एक परिंदा हूं मैं...✍
Na jaane kaisi ye mohabbat hai Awaaj sunkar dharkan teaj hojati hai❤️
भाई के साथ को तरसे, भाई से बात करने को तरसे , भाई का होकर भी , भाई से मुलाकात करने को तरसे....✍️
Bade payar se Hasaya bhi rulaya bhi Bewafai kya hai ye usne dikhya bhi Bade shiddat se zehar khilaya bhi Khila Kar zehar gale lgya bhi Juda hoi jab MERI sans mere jism se dilshad Badi khamushi se mujhe dafnaya bhi
Suna hai Kuch kehna Chahta hai To ye bta mere sath rehna Chahta hai Chod doga mohabbat kal se Ab bta MERI BAAT pr yaqeen ATA hai Dilshad saifi
MERI khuwahishe sab khtam ho rhi hai MERI sanse ab Kuch Kam ho rhi hai JAANE kese katega ye mushkilo Ka Safar MERI Zindagi ab berang ho rhi hai Dilshad saifi
रख सकूं अपने प्यार को खुश, किस्मत ही कहां इतनी अच्छी थी! बिछड़ के भी ना भूल सका, मोहब्बत ही इतनी सच्ची थी!!
आँख कह देगी गज़ल, खुद इश्क बनकर देख ले! तुझको भी राँझे मिलेंगे, हीर बनकर देख ले!!
इतना दर्द सहता हू बिखर क्युं नही जाता , जिन्दा लाश बना हू मैं मर क्युं नही जाता....✍
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