Bewafa Shayari

Posted On: 13-09-2016

कश्ती है पुरानी मगर दरिया बदल गया, मेरी तलाश का भी तो ज़रिया बदल गया! ना शक्ल ही बदली न ही बदला मेरा किरदार, बस लोगों के देखने का नज़रिया बदल गया! हम जिस दीए के दम पर बग़ावत पर उतर आए, सोहबत के अँधेरे में वो दीया बदल गया! ईमान अदब इल्म हया कुछ भी नही क़ायम, मत पूछिए इस दौर में क्या-क्या बदल गया!!!

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