Dard Bhari Shayari

-अलफ़ाज़ ना समझ सके तुम ख़ामोशी क्या समझोगे -हसीं ना देख सके तुम आँशु क्या देखोगे -मेरी जलन महसूस ना कर सके तुम तड़प क्या महसूस करोगे -बातोंको जान ना सके तुम जज़्बात क्या जानोगे -मिलने का जशन मना ना सके तुम जुदाई का मातम क्या मनाओगे रही बात हमारी रही बात हमारी -मासूम सी मुस्कान ना भूल सके हम क़ातिल अदाएं क्या भुलायेंगे -आँखे भुला ना सके तुम्हारी तुम्हे क्या भुलायेंगे -तेरी तस्वीर देखकर बेबस हो जाते है रूबरू मुलाक़ात से धड़कनो को कैसे रोक पाएंगे

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