Dard Bhari Shayari

गम लाखों हैं दिल में हैं मेरे, है मुस्कुराहट चेहरे पर, वो समझें कि मैं खुश हूँ बहुत , दुःख काफी दिल मैं गहरे पर, सब पूछते क्या दुःख है तुझे, मैं कह नहीं सकता ज्यादा कुछ, कह सकता हूँ इतना पर, दिल खोल नहीं सकता आगे सबके, गम बैठा दर (दरवाजा) के पहरे पर, गम ही है एकमात्र भाव,जो छुपा नहीं सकता कोई, गर छुपा लिया तुमने इसको, तुम कहलाओगे अद्भुत नर ।।

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