Life Quotes

Posted On: 18-08-2020

अपने ही दिये जखम भर रहा हूं मैं क्या बताऊँ किसी को की आजकल क्या कर रहा हूं मैं। फैसला मेरा है इसलिए शिकायत नहीं है किसी से मुझे अपने आप से ही रह रह कर गुजर रहा हूं मैं। जरूरत नहीं है अब किसी के साथ की,मिजाज ए बारिश का रुख जानता हूं पानी की तरह पल पल बह रहा हूं मैं। ईलम नहीं है मुझे गजल ए वफ़ा लिखने का ना जाने क्या-क्या कह रहा हूं मैं। बस जानता हूं आवाज ए बयान की गुफ्तगू इसलिए कुछ नया कर रहा हूं मैं। वस अब और बर्दाश्त नहीं होता यह सोच सोच कर रोज अपने आलम ए दासताँ का घर भर रहा हूं मैं। न जाने आजकल क्या कर रहा हूं मैं, न जाने आजकल क्या कर रहा हूं मै। वो शायर

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