Sad Shayari

Posted On: 05-10-2016

तेरी चांद उगलती बातों का असर रौशनी निगलती मेरी आंखों ने जाना और क्या से क्या हो गया। नहीं मालूम कि मेरे कुछ निकम्में ख़्वाबों के पंख बन कर तुम्हें क्या मिला होगा, पर जानता हूं कि अगर कोई ख़ुदा है तो अपना सारा काम ख़ुद से नहीं करता। अच्छा लगा खुशबू के पांव पहन कर तेरा आना मेरे एहसासों में ,जिसके कारण मेरी महकती लंबी सांसों ने बता दिया कि ज़िंदगी दो कदम पीछे भी थी और दो कदम आगे भी।

Click here to login if already registered or fill all details to post your comment on the Shayari.

First Name*
Last Name*
Email Id*
mobile number*