Posted On: 13-08-2019

Motivational

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मै नन्हा सा अंकुर मुझको, 

सूरज पाना है |

आंधी, पानी, तेज हवाएं,

शीत लहर तूफानी |

जाना मुझको दूर बहुत है,

राह बड़ी अनजानी |

चारो तरफ बवंडर फिर भी, जड़े जमाना है |

मै नन्हा सा अंकुर मुझको, सूरज पाना है |

फूल हमेशा कभी खिले,

बस एक बार ही खिलता है |

यह जीवन ऐसा जीवन,

जो एक बार ही मिलता है |

इस छोटे से जीवन में,

कुछ कर दिखलाना है|

मैं नन्हा सा अंकुर,

मुझको सूरज पाना है ||

क्या कहा, कठिन है काम, कभी ऐसा मत बोलो तुम |

कर सकते हो हर काम, शक्ति अपनी तो तोलो तुम |

यदि आसान है काम, भला उसका फिर करना क्या ,

जिसको मंजिल तक जाना है, उसको फिर डरना क्या |

श्रम करते ही रहने से हर मुश्किल हल होती है,

डूबे बिन सागर तल में, मिलता किसको मोती है |

कायर ही कठिनाई का रोना ले रुक जाते है,

वीरों के चरणों पर आकर, पर्वत झुक जाते है 

सीख 

धरती से सीखा है हमने , सबका बोझ उठाना |

और गगन से सीखा हमने, ऊपर उठते जाना |

सूरज की लाली से सीखा, जग आलोकित करना |

चंदा की किरणों से सीखा, सबकी पीड़ा हरना |

शेरो से सीखा है हमने, अपनी रक्षा करना |

और शहीदों ने सिखलाया हँसते हँसते मरना ||




जहां पर चांद तारे हैं,

खड़े मंगल हमारे हैं|

बड़े सूरज सभी से तो,

उजाले लाख सारे हैं,

सिरे मिलते रहे सबके,

उसी विश्वास को छू ले|

चलो आकाश को छू ले|

धरा छूकर उठे हैं हम,

कर्म पथ पर डटे हैं हम,

भले हो दूर सीमाएं,

उन्हीं से पर सटे हैं हम,

खिले हैं फूल भी अनगिनत,

नए मधुमास को छू ले,

चलो आकाश को छू ले 

कर नहीं सकते हैं, कभी मुंह से कहो ना यार,

क्यों नहीं कर सकते उसे, यह सोचो एक बार|

हो मत हो पर कीजिए, हिम्मत कभी ना हार,

नहीं बने एक बार तो कीजै सौ सौ बार |

जो जल में नहीं घुसे, तैरना उसको कैसे आवे,

जो गिरने से हिचके, उसको चलना कौन सिखावे |

जल में उतर तैरना सीखो, दौड़ो सीखो चाल,

निश्चय कर सकते है, कहकर सदा रहो खुशहाल |