Mahmud Ghaznavi

client1

Mahmud Ghaznavi

गजनी साम्राज्य के सबसे शक्तिशाली बादशाह महमूद गजनवी (Mahmud Ghaznavi) था|महमूद गजनवी ने 17 बार भारत पर आक्रमण किया और यहां से सोना चांदी और खजाना लूट कर अपने साम्राज्य को धनवान बनाया| जब महमूद गजनवी  का अंतिम समय आया तो उनके क्या विचार थे यह इस प्रेरणादायक कहानी के माध्यम से समझाया गया है:-



महमूद गजनवी(mahmud ghaznavi) ने हिंदुस्तान पर 17 बार आक्रमण किया और बहुत सारा धन दौलत, सोना-चांदी, हीरे जवाहरात लूटकर ले गया| वह एक तुर्क था और उसके पूर्वज मध्य एशिया से आए थे|

जब महमूद गजनवी(mahmud ghaznavi) की मौत का समय आया तो वह शक्तिशाली और जालिम बादशाह सोचने लगा:-“मेरे पास दुनिया की सारी ऐशो-आराम है| मैं जो चाहूं वह कर सकता हूं| मैंने दुनिया पर विजय प्राप्त की है और मेरा साम्राज्य चारों ओर फैला हुआ है|परंतु फिर भी मैं इतनी धन दौलत का क्या करूंगा? आखिर यह किस वक्त मेरे काम आएगी?”


 
उसने थोड़ी देर सोच कर सैनिकों को हुक्म दिया कि सारा माल निकाल कर बाहर सजा दिया जाए| जब सारा माल बाहर निकालकर सजाया गया तो कई मीलों तक फैल गया| महमूद गजनवी(mahmud ghaznavi) कई घंटों तक सोने के सिक्कों, हीरो, मणियों और अनमोल हीरे जवाहरातों को देखता रहा|

यह सब देखकर वह रो पड़ा और बोला:-“इस सब दौलत को पाने के लिए मैंने करोड़ों बच्चे यतीम किए, लाखों औरतें विधवा की, लाखों बेगुनाह लोगों का कत्ल किया, लेकिन फिर भी यह दौलत आज मेरे साथ नहीं जा सकती|”

उसने अपने सिपाहियों को हुक्म दिया कि जिस वक्त मेरी मृत्यु हो जाए तो मेरे दोनों हाथ कफन से बाहर निकाल देना ताकि दुनिया को यह पता चल जाए कि मैं इस दुनिया से खाली हाथ जा रहा हूं
आखिरी वक्त में दुनिया की कोई चीज हमारे साथ नहीं जाती बल्कि हमारे अच्छे कर्म ही हमारे साथ जाते हैं|