जो तेरे गुलाबी लब मेरे लबों को छू जायें, मेरी रूह का मिलन तेरी रूह से हो जाये, ज़माने की साज़िशों से बेपरवाह हो जायें, मेरे ख्वाब कुछ देर तेरी बाहों में सो जायें, मिटा कर फ़ासले हम प्यार में खो जायें, आ कुछ पल के लिये एक-दूजे के हो जायें।
तेरे हर गम को अपनी रूह में उतार लूँ, ज़िन्दगी अपनी तेरी चाहत में संवार लूँ, मुलाकात हो तुझसे कुछ इस तरह मेरी, सारी उम्र बस एक मुलाकात में गुज़ार लूँ।
चाहा है तुम्हें अपने अरमान से भी ज्यादा, लगती हो हसीन तुम मुस्कान से भी ज्यादा, मेरी हर धड़कन हर साँस है तुम्हारे लिए, क्या माँगोगे जान मेरी जान से भी ज्यादा।
अपने दिल की जमाने को बता देते हैं, हर एक राज से परदे को उठा देते हैं, आप हमें चाहें न चाहें गिला नहीं इसका, जिसे चाह लें हम उसपे जान लुटा देते हैं।
आ जाओ किसी रोज तुम्हारी रूह में उतर जाऊँ, साथ रहूँ मैं तुम्हारे न किसी और को नज़र आऊँ, चाहकर भी मुझे छू न सके कोई इस तरह, तुम कहो तो यूँ तुम्हारी बाहों में बिखर जाऊँ।
मोहब्बत की कहूँ देवी या तुमको बंदगी कह दूँ, बुरा मानो न गर हमदम तो तुमको ज़िन्दगी कह दूँ।
इजाजत हो अगर तो पूछ लूँ मैं तेरी ज़ुल्फ़ों से, सुना है ज़िंदगी एक खूबसूरत जाल है साकी।
सुर्ख गुलाब सी तुम हो, जिन्दगी के बहाव सी तुम हो, हर कोई पढ़ने को बेकरार, पढ़ने वाली किताब सी तुम हो। तुम्हीं हो फगवां की सर्द हवा, मौसम की पहली बरसात सी तुम हो, समन्दर से भी गहरी, आशिकों के ख्वाब सी तुम हो। रहनुमा हो जमाने की, जीने के अन्दाज सी तुम हो, नजर हैं कातिलाना, बोतलों में बन्द शराब सी तुम हो। गुनगुनी धुप हो शीत की, तपती घूप मैं छाँव सी तुम हो, आरती का दीप हो, भक्ति के आर्शीवाद सी तुम हों। ता उम्र लिखता रहे कुमार हर सवाल के जवाब सी तुम हो। Sunil Kumar.
हम आपके प्यार में कुछ ऐसा कर जायेंगे, बन कर खुशबू इन हवाओं में बिखर जायेंगे, भुलाना अगर चाहो तो साँसों को रोक लेना, वरना साँस भी लोगे तो दिल में उतर जायेंगे।
औकात नहीं थी जमाने की जो हमारी कीमत लगा सके, पर कमबख्त इश्क में क्या गिरे मुफ़्त में नीलाम हो गए....SK.....
पढ़ाई नहीं करने पर मां बाप बोलते हैं कि पढ़ाई करो, काम नहीं करने पर मां बाप बोलते हैं कि काम करो, लेकिन प्यार नहीं करने पर मां-बाप नहीं बोलते हैं कि बेटा तुम भी किसी से प्यार करो...SK...
35 दिन से घर बैठा हूं,पत्नी आते जाते बोलती है पता नहीं कब ये बीमारी जायेगा, समझ नहीं आता मुझे कह रही है या करोना को....
रिश्ते मुरझा जाते हैं गलतफहमियां से, बिखर जाते हैं अहंकार से रिश्ते...
ढल जाती है हर चीज अपने वक्त पर, बस व्यवहार और लगाव ही है ... जो कभी बुढ़े नहीं होते!
दिल काँच का होता है लिखना क्या है, टूट गया फेंक दो रखना क्या है?
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