खुदा तेरा इंसाफ भी बहुतों को खटकता है, कोई भूखा, कोई आशिक, आखिर क्यों भटकता है..?
दिल में आग थी तो पांव कीचड़ में डाल दिया, कमबख्त ना आग बुझी ना दामन बचा....!
करनी है खुदा से एक गुज़ारिश तेरे प्यार के सिवा कोई बंदगी ना मिले हर जनम में साथी हो तुम जैसा या फिर कभी ज़िन्दगी ही ना मिले
हर सांस सज़्दा करती है, हर नज़र में इबादत होती है... वो रूह आसमानी होती है, जिस दिल में मुहब्बत होती है...!!
मुहब्बत कभी खत्म नहीं होती सिर्फ बढ़ती है... या तो सुकून बनकर या दर्द बनकर...!!
दिल ने कहा भी था मत चाह उसे यू पागलो की तरह, कि वो मगरूर हो जायेगा तेरी बेपनाह मुहब्बत देखकर।
कतरा कतरा मे नाम तेरा लिख दिया लहर लहर मे तेरी सूरत दर्शा दी जो उखाड़ना है उखाड़ले बारिश की बौछारे मिट्टी के मकान मे रहकर मैंने अपनी मुहब्बत बरसा दी।
मुहब्बत होंठों से नहीं, उनसे निकली मीठी बातों से है.. क्यों कि मासूमियत चेहरे से कहीं ज्यादा, उसकी भोली आँखों में है।
नज़र में शोखिया लब पर मुहब्बत का तराना है, मेरी उम्मीद की जद़ में अभी सारा जमाना है, कई जीते है दिल के देश पर मालूम है मुझकों, सिकन्दर हूं मुझे इक रोज खाली हाथ जाना है..!!
पनाहों में जो आया हो, तो उस पर वार क्या करना , जो दिल हारा हुआ हो उस पे फिर अधिकार क्या करना ! मुहब्बत का मजा तो डूबने की कशमकश में है, हो ग़र मालूम गहराई तो दरिया पार क्या करना !!
इश्क़ की गहराइयों में खूबसूरत क्या है मैं हूं, तुम हो और किसी की जरूरत क्या है
ऐसे मत देख पगली ÐiL हार जाएगी बस अब और मत देख वरना Mummy से मार खाएगी
प्यार की बात भले ही करता हो जमाना... मगर प्यार आज भी "मां" से शुरू होता है...
मुस्कुराओ क्या गम है, जिंदगी में टेंशन किसको कम है, अच्छा या बुरा तो केवल भ्रम है, जिंदगी का नाम ही.. कभी खुशी कभी गम है!!
पूरी दुनिया जीत सकते है संस्कार से… और…. जीता हुआ भी हार जाते है, अहंकार से…!!
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