Sharabi Shayari

किसी ने ग़ालिब से कहा, सुना है जो शराब पीते हैं उनकी दुआ कुबूल नहीं होती, ग़ालिब बोले: "जिन्हें शराब मिल जाए उन्हें किसी दुआ की ज़रूरत नहीं होती".....!!!

सुना है मोहब्बत कर ली तुमने भी, अब किधर मिलोगे, पागलखाने या मैखाने…...!!!

ना ज़ख्म भरे, ना शराब सहारा हुई, ना वो वापस लौटे, ना मोहब्बत दोबारा हुई.......!!!

नशा हम किया करते है इलज़ाम शराब को दिया करते है, कसूर शराब का नहीं उनका है जिनका चहेरा हम जाम मै तलाश किया करते है…..!!!

शराब और इश्क़ कि फितरत एक सी है, दोनों में वही नशा, वही दिलकशी, एक दिन तौबा करो उनसे, दुसरे दिन फिर वही दीवानगी, फिर वही खुदखुशी.....!!!

मैखाने से दीवानों का रिश्ता है पुराना, दिल मिले तो मैखाना, दिल टूटे तो मैखाना…...!!!

यार तो अक्सर मदिरालय मे हीं मिलते हैं, वर्ना अपने तो मंदिर में भी मुँह मोड़ते हैं…......!!!

कुछ तो शराफ़त सीख ले, ए इश्क़, शराब से, बोतल पे लिखा तो है, मैं जान लेवा हूँ.......!!!

मैखाने मे आऊंगा मगर…पिऊंगा नही साकी, ये शराब मेरा गम मिटाने की औकात नही रखती…...!!!

प्यार के नाम पे यहाँ तो लोग खून पीते है, मुझे खुद पे नाज़ है की मैं सिर्फ शराब पीता हु.......!!!

लगता है बारिश भी मैखाने जाकर आती है, कभी गिरती, कभी संभालती, तो कभी लड़खड़ा कर आती है........!!!

मै तोड़ लेता अगर तू गुलाब होती, मै जवाब बनता अगर तू सबाल होती, सब जानते है मै नशा नही करता, मगर मै भी पी लेता अगर तू शराब होती.......!!!

इतनी पीता हू की मदहोश रहता हू, सब कुछ समझता हू, पर खामोश रहता हू, जो लोग करते है मुझे गिराने की कोशिश, मै अक्सर उन्ही के साथ रहता हू........!!!

जाम पे जाम पीने से क्या फायदा दोस्तों, रात को पी हुयी शराब सुबह उतर जाएगी, अरे पीना है तो दो बूंद बेवफा के पी के देख, सारी उमर नशे में गुज़र जाएगी…..!!!

Tere hi aanchal mein nikla bachpan, tujh se hi to judi har dhadkan, kahne ko to maa sab kahte, par mere liye to hai tu bhagwan