हां हां तुमसे मोहाबत होगायी हे !! हां हां तुमसे मोहाबत होगायी है !! तुम्हारे नजरो में नजर मिलके बात करना आज मुस्किल होगई ही... में जनतथा ये रास्ता आसान नहीं ही फिर बि तुमसे मोहब्बत होगयी ही. हां हां तुमसे मोहाबत होगायी ह हे !! ये बकिया महज एक बाकिया नही, जो में इतनी आसानी से भूल जाऊं, ये मेरे मन में अब घर करगायी ही... तुम्हे धीरे से निहार न, तुम्हारी मुस्कुराहट को हल्की निघाओं से देखे के खुशी महसूस करना, अब आदत होगाई ही. बेसक तुम जब हस्ती हो, बहत खूबसूरत लगती हो ll हां हां तुमसे मोहाबत होगायी है !! तुम्हारे साथ लंच में जाना और और walk पे जाना सैयद मेरा एक बहाना हो, जो मुझे अच्छा लगता है.. जो में बेसब्री से इंतजार कर्ताओं ..ये पाल तुम्हारे साथ बिताने की... और याद ही , जब तुम पहली बार चाय की payment किए थे... इसी दिन मुझे लगा..."you are mah type". अब तुम्हारी ये अदायें, मुझे भा गईं हैं हां हां तुमसे मोहाबत होगायी है !! कहीं न कही में थोरासा दुखी होजता हूं, जब तुम saturday WFH ले लेटे हो, सैयद यही एक दिन रहता है जो में तुमसे खुलके बात कर पाता हूं. वैसे बाकी का दिन तुम्हारी खूबसूरती निहारते ही निकल जाता है. हां हां तुमसे मोहाबत होगायी है !! गजब!! जब तुम वो फ्लोरल वाला ड्रेस में थी, तुम बहत प्यारी लगरिथ. जाने अंजनेके में गोविंद को बता दियथा और वो तुम्हे. थोड़ा सा तो में nervous था पर जो था अच्छा था. सैयद उसी दिन से में ... धीरे धीरे से आगे बढ़ता गया एक बेहरान रास्ते में। हां पर उसी दिन ही तुम मेरे मन की भूमि में एक प्रेम की दीप जलायीथी... हां हां तुमसे मोहाबत होगायी है || वैसे तुमसे कुछ पनेकी मेरा कोई उम्मीद नी ही...बस ये एक मेरे मन की चोटी सी परिभाषा.. नोट: ऐसे अगर लिखता गया खतम न होगा...तो रहने दो आज!!
छोड़ दिया मुझे , अकेला करके भरी मेहफ़िल में , गुमशुदा करके ढून्ढ टी है मेरे , हर एक नज़र तेरे प्यार से दुबे हर वो नज़र, नाराज़ नहीं तुमसे हो मेरे हमसफर , बस नाराज़ हूँ किस्मत से क्यों लिखा नहीं तुम्हे लकीरोमें I लोपामुद्रा
खो दिया सब , न जाने पाया है काया, तुम्हे खो के लगा , जिंदगी में और कुछ न रहा अब खुद को ढूंढ ता हूँ दुनिया के भीड़ में पाती हूँ खुद को में मेरे आंसू के बरसात में I लोपामुद्रा
में राही सफर का मोहब्बत को छोड़ , अपनी मंजिल तक जा रहा हूँ, ऐ खुदा संभाल मुझे में तेरे पास आ रहा हूँ !
एक तो मुलाकात बंद ऊपर से ख्याल तुम्हारा । यह बात मालूम होते हुए भी अक्सर भूल जाता हूं दोबारा ।।
मैंने सोचा मोहब्बत का मारा एक मैं ही हूं सिर्फ शहर में। नज़र घुमाके देखी तो अपने अपने महबूब को छिपाकर जी रहे सभी कहर में ।।
वो भी हमें चाहते थे हम भी उन्हें चाहते थे बस कम्बख्त ये चाहत उस वक्त की नहीं थी
Vo 2 din ke lie kya aae hmare seher mein ,, Vo 2 din ke lie kya aae hmare saher mein,,, Humko to saara sahar hi apna lgne lga ....
Ae Nind ab jaga de mujhe Kehde ki ye ek sapna hai Rooth jana unka ye sach nhi Sach nahi vo unka yu ajnabi ho jana Iss kadar vo mujhko har waqt maante the Bhid mei bhi mujhko vo pehchante the Kal hi ki to Baat hai Vo kehte the tu apna hai Ae nind ab jaga de mujhe Kehde ki ye Sapna hai
" Jikra to unka aaj bhi hai Bas batate nahi hai Fikra to unki aaj bhi hai Baa jatate nahi hai "
' Jee Le Tu ' Tanhaiyan Aksar Yuhi kuch keh jaati hai Vo beparwah muskan teri Kahin Gum kyu hai Baitha kyu tu aaj Nazrein Jhukaaye Sarsaraati hui ye hawa kyu nahi ab Lubha Paa rahi hai tujhe , Kya aaj fir kisi ki yaad aa rahi hai tujhe. Baarish ki boonde mausam ko khushgawar kar rahi hai ... Ye Nayi Subha tujhse hi to pyaar kar rahi hai Kis chiz ki talaash mei bhatakta hai ...intzaar tu kiska karta hai .. Har shaqs khuda ka banda hai tu Tu parwaah kiski karta hai. Dil ki basti mei ek sukoon rakh Har pal ko jeene ka ek junoor rakh Jo ye lamha tu yuhi gawayega Vo khuda bi tujhse khafa ho jayega Kuch naye armaano ko ab de hausla Khusiyon se na rakh ab koi faasla Jo hoga tera khud chala aayega ... Jo tha hi nahi apna , bhul jaa usko sochkar ek sapna Inaayat si hai Zindagi , Ek Jaam hai khusiyon ka Har Qatra iska pee le tu Bas ab Jee le tu , jee bhar jee le tu .
जो मिला उसे गुजारा ना हुआ । जो हमारा था हमारा ना हुआ । हम किसी और से मनसुब हुए क्या ये नुकसान तुम्हारा ना हुआ, खर्च होता रहा मोहबब्त में फिर भी इस दिल को खासारा ना हुआ, दोनों एक दूसरे पे मरते रहे कोई अल्हा को प्यारा ना हुआ । बेतकल्लुफ़ भी वो हो सकते थे हमसे ही कोई इशारा ना हुआ.….... ❤️ शुभ रात्रि❤️
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