Best Quotes in Hindi

वाह रे इंसान , मुझे तो इंसान कहने में शर्म आती है , दुष्कर्म करने वाले दरिंदों की मौत क्यों नहीं हो जाती हैं , क्यों इनको दिखती नहीं मां बहन बेटियां , आखिर इनके घर कौन पकाता है रोटिया , वाह रे इंसान , मुझे तो इंसान कहने में शर्म आती है , आखिर इन निलज्जो कि शर्म कहां जाती है , इंसानियत तो रही नहीं इंसान में, इंसान ही तुले हैं दूसरे इंसान की जान में, वाह रे इंसान , मुझे तो इंसान कहने में शर्म आती है , आखिर इन बलात्कारियों को फांसी क्यों नहीं हो जाती हैं, क्यों नहीं बनाते हो नए कड़े कानून , दुष्कर्मीयों का सीधे कर दो खून, वाह रे इंसान , मुझे तो इंसान कहने में शर्म आती है , पर पता नहीं बलात्कारियों को अपनी मां बहन क्यो ध्यान नहीं आती हैं , इनको ऐसी मौत दो कि , दुष्कर्म करने की सोचने से पहले ही डर जाएं , बलात्कारी यही सोचे कि दुष्कर्म करने से अच्छा है मर जाए , वाह रे इंसान , ऐसे इंसान को लिखने में मेरी कलम शर्माई, अब इन दरिंदों को क्या लिखूं मैं भाई का छोटा भाई...✍️ ~भाई का छोटा भाई

Click here to login if already registered or fill all details to post your comment on the Shayari.

First Name*
Last Name*
Email Id*
mobile number*