Bewafa Shayari

मुझें मत दफना अभी मेरे दोस्त । मेरे जिक्र का किशसा बांकी है । ओ हमसे मिलने आ रहे हैं । इस आस मे मेरी सास कुछ पल बांकी है । बरसों इन्तज़ार किया है इस पल का । हमारी अभी अधूरी मुलाकात बांकी है ।। BY- शायर दीपक भरद्वाज सिंह

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