Dard Bhari Shayari

सिगरेट मेरा यारा एक तू ही तो है सहारा , जिस दिन घर छोड़ कर आया था , उस दिन मुझे कोई नहीं रोक पाया था , सिगरेट उस दिन तूने ही तो मुझे सम्भाला था , एक हाथ मे सिगरेट तो दूसरे हाथ में प्याला था , जब हाथ में लिया प्याला तो मेरी जिंदगी शर्मिंदगी थी , पर क्या करें उस टाइम पर घर की यादें जिंदा थी, प्याला की एक ही मारी थी घूंट , और घर की गई सारी यादें गई छूट , अरे सिगरेट तेरे एहसान को मै कैसे भूल जाऊं , तुझे तो मैं अंतिम दम तक अपने मुंह से लगाऊ, अरे कहने दे दुनिया को जो कहती है , दुनिया कहां दूसरों के दर्द को समझती हैं , उन्हें क्या पता कि दर्द में किसने साथ निभाया था , एक सिगरेट के कारण ही तो मैं बच पाया था , सिगरेट ने निभाई क्या यारी है , जिंदगी से ज्यादा मुझे सिगरेट प्यारी है , अगर सिगरेट ना होती गम भरी जिंदगी में दम घुट जाता , और सच कहूं तो मै ऐसे ही मर जाता , अपने गम को जब मै सह लेता हूं , मै भाई का छोटा भाई अपने गमों को अल्फाज देता हू....✍ by bhai Ka Chhota bhai

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