Desh Bhakti Shayari

भारत कोई जमीन का टुकड़ा नहीं है . जीत जगता राष्ट्र पुरुष है अभिनन्दन की भूमि है , अर्पण की भूमि है यहाँ की हर नदी हमारे लिए गंगा है , हर कंकर में शंकर है जियेंगे तो इस देश के लिए और मरेंगे तो इस देश के लिए ..... जय हिन्द जय भारत .

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