Love Shayari

Posted On: 03-06-2019

सपनों में वो आती है , नींदें मेरी चुराती है क्या वो मेरी मंजिल नही है जो मुझे रोज एक नई आस दे जाती है उसके सपनों में मैं खोया रहता हूं, आसमान के नीचे मुस्कुराते हुए सोया रहता हूँ दिन रात ख़यालों में उलझा रहता हूँ फिर भी सुलझा हुआ मैं रहता हूँ एक परी सी चंचलता है उसमें , कलियों सी मुस्कान है उसके बिना लगे है मुझे हर गली सुनसान है।।

Click here to login if already registered or fill all details to post your comment on the Shayari.

First Name*
Last Name*
Email Id*
mobile number*