Quotes of the Day

बचपन में साहित्य की पहली dose ही प्रेमचंद जी की कहानियों से मिली।दो बैलों की कथा,रूठी रानी,निर्मला,गोदान पढ़कर यूँ लगता है जैसे ये कहानियां मेरे अपने गाँव की हों!जब भी हामिद के चिमटे की कहानी “ईदगाह” सुनाता हूँ तो एक अजीब सुकून सा मिलता है। पाँव में फटे जूते से झाँकते अंगूठे वाली तस्वीर में भी चमकदार मुस्कुराहट दुनिया के किसी भी भाषा के साहित्यकार की इकलौती तस्वीर होगी जिसकी रचनाओं ने प्राइमरी से पीएचडी तक का सफर किया हो,, आदरणीय प्रेमचंद जी शत शत नमन 🙏🏻🙏

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