Sad Shayari

Posted On: 20-11-2022

क्या करोगे तुम इस झूठी मुस्कान का जब अंदर खुद को तन्हा पाओगे. क्या करोगे तुम इस दिल का जब पहले से इसे टूटा पाओगे. क्या करोगे दीपक की रौशनी का जब जीवन में अन्धकार पाओगे. क्या करोगे इतनी दौलत का जब खुद को कब्र में पाओगे. आखिर करोगे क्या तुम जब लोगो को तुम पर हस्ता हुआ पाओगे.

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