Sharabi Shayari

1.महफ़िल – ऐ -इश्क सजाओ तो कोई बात बने दौलत-ऐ -इश्क लुटाओ तो कोई बात बने जाम हाथों से नहीं है पीना मुझको कभी आँखों से पिलाओ तो कोई बात बने 2.मैं तलख़िये हयात से घबरा के पी गया गम की सियाह रात से घबरा के पी गया इतनी दक़ीक़ से कोई कैसे समझ सके यज़्दें के वाक़ियात से घबरा के पी गया 3.काश हमें भी कोई समझाने वाला होता तो आज हम इतने नासमझ ना होते काश कोई इश्क का जाम पिलाने वाला होता तो आज हम भी शराब के दीवाने ना होते 4.सब कहते है बुरी है ये शराब मैंने भी माना की ये शराब नशा छडाती है फिर पूछते है सब मुझसे की क्यों पीता हूँ मैं तो क्या बताऊ यारों ये शराब ही है जो उनका गम भुलाती है 5.लफ़्ज़ों के फ़साने ढूंढते है हम लोग लम्हों में ज़माने ढूंढते है हम लोग तू जहर ही दे शराब कह कर साकी पीने के बहाने ढूंढते है हम लोग 6.महकता हुआ जिस्म तेरा गुलाब जैसा है नींद के सफर में तू ख्वाब जैसा है दो घूँट पी ले दे आँखों की मस्तियाँ नशा तेरी आँखों का शराब के जाम जैसा है 7.हर किसी बात का जवाब नहीं होता हर जाम इश्क में ख़राब नहीं होता यूँ तो झूम लेते है नशे में रहने वाले मगर हर नशे का नाम शराब नहीं होता 8.गम इस कदर भरे है की मैं घबरा के पी गया इस दिल की बेबसी पर तरस खा के पी गया ठुकरा रहा था मुझको बड़ी देर से जहान मैं आज सब जहान को ठुकरा के पी गया 9.तोफहे में मत गुलाब लेकर आना मेरी कब्र पर मत चिराग लेकर आना बहुत प्यासा हूँ बरसो से मैं जब भी आना शराब लेकर आना 10.नशा मोहब्बत का हो या शराब का होश दोनों में खो जाते है फर्क सिर्फ इतना है की शराब सुला देती है और मोहब्बत रुला देती है 11.बड़ी गौर से देख रहा हु इस मैखाने को इसने वक़्त ही नहीं दिया सर झुकाने को मुझे मरने से डर नही लगता ऐ उम्र बस शर्म सी आ रही है उसके पास जाने को 12.मैखाने सजे थे जाम का था दौर जाम में क्या था ये किसने किया था गौर जाम में गम था मेरे अरमानो का और सब कह रहे थे एक और एक और 13.तेरी याद ने हमें जीने ना दिया चैन से हमको अब मरने ना दिया हम पीते है तेरी याद में जालिम पर इस दुनिया ने हमें पीने ना दिया 14.कभी यारो की महफ़िल में बैठ के हम भी पीया करते थे कभी यारो के यार बन के हम भी जिया करते थे ज़िंदगी ने की बेवफाई वरना हम भी जिंदगी से प्यार किया करते थे 15.हम लाख अच्छे सही लोग ख़राब कहते है बिगड़ा हुआ वो हमको नवाब कहते है हम तो ऐसे ही बदनाम हो गए है की पानी भी पीये तो लोग शराब कहते है 16.पानी से प्यास नहीं बुझी तो मैखाने की तरफ चल निकला सोचा शिकायत करूँ तेरी खुदा से पर खुदा भी तेरा आशिक़ निकला …………………………………………………………………………………………………………………………………………………. 1.शराब शरीर को ख़त्म करती है शराब समझ को ख़त्म करती है और आज इस शराब को ख़त्म करते है एक बोतल तुम ख़त्म करो एक बोतल हम ख़त्म करते है2 2.मैं तोड़ लेता अगर गुलाब होती मैं जवाब बनता अगर सवाल होती सब जानते है मैं नशा नहीं करता पर पी लेता अगर शराब होती 3.हो चुकी मुलाकात अभी सलाम बाकी है तुम्हारे नाम की दो घूँट शराब बाकी है तुमको मुबारक हो खुशियों का शामियाना मेरे नसीब में अभी दो गज ज़मीन बाकी है 4.नशा हम करते है इल्जाम शराब को दिया जाता है मगर इल्जाम शराब का नहीं उनका है जिनका चेहरा हमें हर जाम में नजर आता है 5.खुशियों से नाराज है मेरी जिंदगी प्यार की मोहताज़ है मेरी जिंदगी हंस लेता हूँ लोगो को दिखाने के लिए वरना दर्द की किताब है मेरी जिंदगी 6.कभी आंसू कभी ख़ुशी देखी हमने अक्सर मजबूरी और बेकसी देखी उनकी नाराजगी को हम क्या समझे हमने खुद अपनी तक़दीर की बेबसी देखी 7.एक जहान माँगा था जिसमे बहुत सारा प्यारा मिले मगर दे दिया मैख़ाना जहा बहुत सारी शराब थी एक कन्धा माँगा था जिसका मुझे सहारा मिले मगर दे दी जिंदगी जहाँ दुनिया भर की तन्हाई थी 8.पी है शराब हर गली की दुकान से दोस्ती सी हो गयी है शराब के जाम से गुजरे है हम कुछ ऐसे मुकाम से की आँखें भर आती है मोहब्बत के नाम से 9.तुम हसीन हो गुलाब जैसी हो बहुत नाजुक हो ख्वाब जैसी हो दिल की धड़कन में आग लगाती हो होठों से लगाकर पी जाऊँ तुम्हे सर से पांव तक शराब जैसी हो 10.तेरी आँखों से यूँ तो सागर भी पिए है मैंने तुझे क्या खबर जुदाई के दिन कैसे जिए है मैंने 11.गम तुम लाते हो जिंदगी में हमारे वो ज़ख्म को आने ही नहीं देती ख़ुशी को तो एक पल में बिखेर देते हो तुम हमारी वो तो ख़ुशी को जाने ही नहीं देती होश में ला ला कर तुम होश उड़ाती हो हमारे वो शराब तो होश में आने ही नहीं देती 12.जाम पीकर अपने गम को कहाँ कम किया हमने हर वक़्त तेरी यादो में इन आँखों को नम किया हमने चाहा था तुझे बुलाना पर याद ही किया हमने और जिंदगीके बाद भी कब्र से हाथ निकाल कर तेरा ही इंतजार किया हमने 13.शाम थी वो कातिल जो उसकी याद ले आई थे हम तनहा हमें मैखाने ले आई साकी ने तो और भी जुल्म ढाया हम पर की छलक गया पैमाना ऐसी आँखों से पिलाई 14.तेरी आँखों के ये जो प्याले है मेरी अँधेरी रातो के उजाले है पीता हूँ जाम पे जाम तेरे नाम का हम तो शराबी बे -शराब वाले है 15.रोक दो मेरे जनाजे को ज़ालिमों मुझ में जान आ गयी है पीछे मुड के देखो कमीनो दारू की दुकान आ गयी है 16.एक जाम उल्फत के नाम एक जाम मोहब्बत के नाम एक जाम वफ़ा के नाम पूरी बोतल बेवफा के नाम और पूरा ठेका दोस्तों के नाम …………………

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