प्रकृति हमें जीवन जीने की कला सिखाती है| प्रकृति में समस्त क्रियाएं बहुत ही सरलता के साथ होती है जैसे तारों का चमकना, नदियों का निरंतर बहते रहना, तथा सूर्य का उदय होना| हमें प्रकृति से प्रेरणा लेकर अपने जीवन को सरल रूप से जीना चाहिए| आइए पढ़ते हैं प्रकृति से संबंधित कुछ प्रेरणादायक हिंदी कवितायें
चाहे बहे हवा मतवाली
चाहे बहे हवा लू वाली
फूल हमेशा मुस्काता
पत्तों की गोदी में रहकर
कांटो की नोकों को सहकर
ऊपर रह डाली पर खिलकर
नीचे टपक धूल में मिल कर
रोना नहीं फूल को आता
इसलिए वह सबको भाता
जब तपता है सारा अंबर
आग बरसती है धरती पर|
फैलाकर पत्तों का छाता
सब को सदा बचाते पेड़|
पंछी यहां बसेरा पाते
गीत सुना कर मन बहलाते|
वर्षा, आंधी, पानी में भी
सबका घर बन जाते पेड़|
इनके दम पर वर्षा होती
हरियाली है सपने बोती|
धरती के तन मन की शोभा
बनकर के इठलाते पेड़|
जितने इन पर फल लग जाते
ये उतना नीचे झुक जाते|
औरों को सुख दे कर के भी
तनिक नहीं इतराते पेड़|
हमें बहुत ही भाते पेड़
काम सभी के आते पेड़|
अगर पेड़ भी चलते होते
कितने मजे हमारे होते
जहां कहीं भी धूप सताती
उसके नीचे बैठ सुस्ताते
बांध तने में उसके रस्सी
चाहे जहां कहीं ले जाते
लगती जब भी भूख अचानक
तोड़ मधुर फल उसके खाते
आती कीचड़ बाढ़ कहीं तो
झट उसके ऊपर चढ़ जाते
जब कभी वर्षा हो जाती
उसके नीचे हम छिप जाते
एक गडरिए का था बाल
बड़ी बुरी थी उसकी चाल|
भेड़ चराने जंगल जाता
झूठ मूठ वह चिल्लाता|
दौड़ो, अरे भेड़िया आया
उसने मेरी भेड़ उठाया|
लोग दौड़कर थे जब आते
उसे मजे से हंसते पाते|
सचमुच एक दिन भेड़िया आया
तब वह मूर्ख बहुत चिल्लाया|
पर उसको सब झूठा जान
रहे बैठे बिल्कुल चुप्पी ठान|
भेड़, भेड़िया लेकर भागा
पछताया वह बाल अभागा|
झूठ बोलते हैं जो बच्चे
लोग कभी न कहते उनको अच्छे|
arun is online
gulab is online
rehan is online
Shivansh is online
Mahipal is online
Sonu is offline
Musab is offline
Laden is offline
bharat is offline
Dileep is offline
Munna is offline
Rahul is offline
geeta is offline
kamal is offline
vishav is offline
Please Login or Sign Up to write your book.