Posted On: 13-08-2019

बच्चे के प्रति माँ की भावना

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बच्चे के प्रति माँ की भावना

बच्चे भगवान का रूप होते हैं ये हम सभी जानते हैं| उनकी प्यारी सी मुस्कान हर किसी के मन को मोह लेती है| इस कविता (Poem on Child in Hindi) में कवि ने यह दर्शाने का प्रयास किया है कि एक बच्चे को देखकर मां के अंदर किस प्रकार की भावना उत्पन्न होती है|

गुलाब सी कोमल देह है तेरी

नन्ही सी मुस्कान

आँखे मूँद कर जब तू सोये

लगे है सच में भगवान

लाल गुलाबी होंठ है तेरे

और उन पर मधुर मुस्कान

नन्ही नन्ही मुठ्ठिओं में जैसे

समाये हो सारा जहाँ

भूख लगे तो रोने लगता

पेट भरे तो हंसने लगता

तेरी क्रीड़ा पर मोहित होकर

मेरा जीवन है कुर्बान

दिन भर तुझे निहारा करती

फिर भी कभी ना आँखे भरती

हाथो में लेते ही तुझको

दूर हो जाती मेरी थकान

तेरे रूप पे मोहित होकर

मेरा जीवन है कुर्बान

कितना मासूम है चेहरा तेरा

जैसे हो साक्षात् भगवान ||



अच्छे बच्चे फूलो जैसे,

गंदे बच्चे शूलों जैसे |

अच्छे बच्चे हँसते गाते,

गंदे बच्चे शोर मचाते |

अच्छे बच्चे मिलकर रहते,

गंदे बच्चे खूब झगड़ते |

अच्छे बच्चे कभी न लड़ते,

गंदे बच्चे सदा बिगड़ते |

अच्छे बच्चे लिखते पढ़ते,

गंदे बच्चे बात न सुनते |

अच्छे बच्चे सबके प्यारे,

गंदे बच्चे फिरते मारे |

अच्छे बच्चे मेहनत करते,

गंदे बच्चे आलस करते |

अच्छे बच्चे हीरो होते,

गंदे बच्चे जीरो होते  |

तुम बतलाओ कैसे हो तुम ,

 अच्छे हो या गंदे हो तुम ||