kuchh yaad aata hai

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कुछ याद आता है।

कुछ भूल जाते है । कुछ याद आता है। खुशी की आस में जीवन यह सारा बीत जाता है। कई दिन बाद मिलते है। घर के जब लोग सब बिछडे । तो फिर छिडतीं है बातें जब। तो जवानी भूल जाते है। अौर बचपन याद आता है। कुछ भूल जाते है। कुछ याद आता है। मां की वो लोरी याद आती है। पापा का वो समझाना याद आता है। बेशक हम पढ़ाई का वो हर लम्हा भूल गये है। लेकिन दोस्तों के साथ गुजारा वो हर लम्हा याद आता है। हां हमें मैम का समझाना याद नहीं है। लेकिन सर का डंडा आज भी याद आता है। जब सिर पे कोई मुस्किल आती है। तो शहर को भूल जाते है। आैर गांव याद आता है। कुछ भूल जाते है। कुछ याद आता है। खुशी की आस में जीवन यह सारा बीत जाता है।