Posted On: 11-09-2018

शिवमंगल सिंह ‘सुमन SHIVMANGAL SHINGH SUMAN

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तूफानों की ओर घुमा दो नाविक TUFANO KI OR GHUMA DO NAVEEK

तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार 

आज सिन्धु ने विष उगला है
लहरों का यौवन मचला है
आज हृदय में और सिन्धु में
साथ उठा है ज्वार

तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार 

लहरों के स्वर में कुछ बोलो
इस अंधड में साहस तोलो
कभी-कभी मिलता जीवन में
तूफानों का प्यार

तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार 

यह असीम, निज सीमा जाने
सागर भी तो यह पहचाने
मिट्टी के पुतले मानव ने
कभी न मानी हार

तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार 

सागर की अपनी क्षमता है
पर माँझी भी कब थकता है
जब तक साँसों में स्पन्दन है
उसका हाथ नहीं रुकता है
इसके ही बल पर कर डाले
सातों सागर पार

तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार