खाली डिब्बा

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खाली डिब्बा

मैनेजमेंट की शिक्षा प्राप्त कर रहे कुछ स्टूडेंट्स को प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स डेवलप करने के बारे में बताया जा रहा था। कुछ देर पढ़ाने के बाद प्रोफेसर ने बच्चों को एक केस स्टडी सोल्व करने को दी।



जापान की एक साबुन बनाने वाली कम्पनी अपनी क्वालिटी और वर्ल्ड क्लास प्रोसेसेज के लिए जानी जाती थी। पर आज उनके सामने एक अजीब समस्या आ खड़ी हुई , उन्हें कम्प्लेंट मिली की एक कस्टमर ने जब साबुन का डिब्बा खरीदा तो वो खाली था। कंप्लेंट की जांच की गयी तो पता चला चूक कंपनी के तरफ से ही हुई थी , असेंबली लाइन से जब साबुन डिलीवरी डिपार्टमेंट को भेजे जा रहे थे तब एक डिब्बा खाली ही चला गया।


 
इस घटना से कम्पनी की काफी किरकिरी हुई। कम्पनी के अधिकारी बड़े परेशान हुए कि आखिर ऐसा कैसे हो गया। तुरंत एक हाई लेवल मीटिंग बुलाई गयी , गहन चर्चा हुई , और भविष्य में ऐसी घटना ना हो इसके लिए लोगों से उपाए मांगे गए। बहुत विचार-विमर्श के बाद निश्चय किया गया कि असेंबली लाइन के अंत में एक एक्स-रे मशीन लगायी जायेगी जो एक हाई रेसोलुशन मॉनिटर से कनेक्टेड होगी। मॉनिटर के सामने बैठा व्यक्ति देख पायेगा की डिब्बा खाली है या भरा।

कुछ ही दिनों में ये सिस्टम इम्प्लीमेंट कर दिया गया, पर जब एक छोटी रैंक के कर्मचारी को इस समस्या का पता चला तो उसने इस समस्या का हल एक बड़े ही सस्ते और आसान तरीके से निकाल दिया। एक ऐसा तरीका जिसमे ना लाखों की मशीन खरीदने का खर्च था और ना ही किसी आदमी को रखने की ज़रुरत।

सोचिये अगर आपके सामने ये समस्या आती तो आप क्या करते ?

उस आदमी ने ये किया – उसने एक हाई पावर इलेक्ट्रिकल फैन खरीदा और असेंबली लाइन के सामने लगा दिया , अब हर एक डिब्बे को पंखे की तेज हवा के सामने से होकर गुजरना पड़ता और जैसे ही कोई खाली डिब्बा सामने आता हवा उसे उड़ा कर दूर फेंक देती।


 
फ्रेंड्स, इस तरह के सोल्युशन को हम आउट ऑफ़ द बॉक्स या क्रिएटिव थिंकिंग कहते हैं। और सबसे अच्छी बात ये है कि इसका किताबी ज्ञान से कोई लेना-देना नहीं होता।  हममें से हर एक व्यक्ति अपनी समस्याओं को सरल तरीकों से सुलझा सकता है पर शायद हम सबसे पहले दिमाग में आने वाले हल को ही पकड़ कर बैठ जाते हैं।  आइये इस केस स्टडी से प्रेरणा लेते हुए हम भी अपनी समस्याओं के नए-नए समाधान ढूंढें और इस जीवन को सरल बनाएं।