किसी के दिल पे क्या गुजरी हे वो अनजान क्या जाने, प्यार किसको कहते हे वो नादान क्या जाने, हवा के साथ उठा ले गया घर का परिंदा, केसे बना था ये घोसला वो तूफान क्या जाने.
भीड़ भाड़ को छोड़ आए हैं बस तन्हाई भाई है. वहां बहुत बेचैनी भोगी यहां खुमारी छाई है. वो सवाल अब यहां नहीं हैं जिनके उत्तर मुश्किल थे. जितनी हमने इच्छा की थी उतनी राहत पाई है.
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