चाहा है तुम्हें अपने अरमान से भी ज्यादा, लगती हो हसीन तुम मुस्कान से भी ज्यादा, मेरी हर धड़कन हर साँस है तुम्हारे लिए, क्या माँगोगे जान मेरी जान से भी ज्यादा।
हमें अपने घर से चले हुए, सरे राह उमर गुजर गई, न कोई जुस्तजू का सिला मिला, न सफर का हक ही अदा हुआ।
Please Login or Sign Up to write your book.