जनाब मत पूछिए हद हमारी गुस्ताखियों की, हम आईना ज़मीं पर रखकर आसमां कुचल दिया करते है…
हालात के साथ वों बदलते हे जो कमज़ोर होते हें, हम तो हालात को ही बदल के रख देते हैं ….
मै रहू या न रहू मेरी यादे रहेंगी हमेशा
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