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Tum mera ho my darling

मुख परस्ती से क्या हमें अब आजाद कर दोगे, मैं कुछ लाया हूं घर से क्या तुम स्वाद भर दोगे। अरविंद जिद्दत से चाहा है तुझे बदलते जमाने में, मुझे जीना या मरना है क्या यही इंसाफ कर दोगे।।

हर खुशनुमा माहौल को तुम शबनम-ए-शाम मत कहना, कहीं मिल जायो जो धोखा उसे प्यार का अंजाम मत कहना। हर शख्श की एक ही चाहत है कुछ अच्छा पा लूँ इस जहाँ में, चुपचाप अपना लेना गमों को मौत को सलाम मत कहना।।

क्या दू में अपने चाहत का नजराना फकीर जो तूने बना दिया एक दिल बचा है इस सीने में ला खंजर दू निकाल मै तेरी हथेली पे

कास में समंदर की लहरें होता और तू होती गंगा की धारा प्यास बुझाने को तू मेरी छोड़ आती अपना किनारा जो तू कर ले निश्चय खुद से खुद में मिलने को क्या हस्ती खड़ा हिमालय रोक सके तुझको आ भर दे तू मुझको उतर मेरी गहराई में तू मेरी भरने की वजह बन मैं बनू तेरा किनारा आ बुझा जा तू मेरे प्यास को ले अपने प्रेम रस धारा काश मैं समंदर की लहरें होता और तुम होती गंगा की धारा

दोस्तों की महफिल में बैठे हम सारे गम भुला गए गिरते थे जो हम हाथ पकड़ संभलना सिखा गए वह दोस्त ही तो थे जो हमें वह जीना सिखा गए पीते थे खुद ओ बियर हमको सोडा पिला गए पार्टी तो देते थे अपने नाम के पर बिल हमारे नाम पड़ गए लगा जो चोट मुझे कभी दर्द उनको होता था रोता हूं जो मैं कभी उनकी आंखों से आंसू बहता था ए दोस्त तो ही है जो हमको गमों में हंसना सिखा गए

Posted On: 11-10-2019

इतना नशा कहां है इन मयखानों में, जितना नशा है उसकी आँखों के पैमानों में | - Jayy Gosvammi

Posted On: 08-10-2019

Tum mujhe chodd gaye is baat ka mujhe gum nahi, Aaj bhi anshoo meri aankho mai kam nahi. Tum to jeelo ge mere bina, Tum to jeelo ge mere bina. Mager tumhare bina hum nahii...

Posted On: 07-10-2019

सुबह की किरण अक्स-ए-मोहब्बत है, खामोश रातोंपे तन्हाइयों का नूर है ! तेरी मिज़ाज़-ए-मुस्कराहट, मेरे होटों पे मयस्सर है ! वीरा...!! जिन्दा होने की क्या यही निशानी है?? पंछियो की गुफ्तगू में नवाज़िशें है, बादलों के साथ बूंदों की सरगम भी है! तेरी पाकीजा पायलों की छनछन, एक उल्फत सी मेरे रूह में गुनगुनाती है! वीरा..!! जिन्दा होने की क्या यही निशानी है?? साथ मेरे खुद की परछाई है, सिगरेट्स के कश का धुँआ भी है! तवस्सुर तेरी नरगिस आँखों का, ज़ीनत-ए-नशा मुझ पे सवार है! वीरा...!! मेरे जिन्दा होने की क्या यही निशानी है?? कसमे-वादे-दोस्ती-रिश्ते, जूनून-ए-शिद्दत आज भी है! तेरी मोहब्बत की रूहानियत पे, घायल ये फ़क़ीर आज भी है! मजबूर सा, मसरूफ सा, एक क़तरा सा है!! वीरा...!! ज़िंदा है!! .... पर, मेरे वजूद का कोई निशान नहीं है....!!!!! *©veeraajlumbinisushant* अक्स - Reflection मिज़ाज़ - mood मयस्सर- available गुफ्तगू - chitchat नवाज़िश - kindness पाकीजा - pure उल्फत - love रूह - soul तसव्वुर - imagination ज़ीनत - decoration शिद्दत - intensity रूहानियत - soulfulness मसरूफ - busy

Aaj bhi khayal tera sone nahi deta Aaj bhi mujhe kiseka hone nahi deta Aankho mein aansu lekar dekhu tera chehra Tera chehra mujhe rone nahi deta

यह उनकी मोहब्बत का नया दौर है जहां कल हमारा रोभ था आज किसी और का शोर है

Posted On: 04-10-2019

आपके होने का मुझ में सुरूर है मैं आपका बेटा हूं यह मुझ में गुरूर है

Posted On: 04-10-2019

Har din ''sham'' koa apane chand ka inthajar rahetha hai, Aur "muje" mere apani mehbuba ka inthajar rahetha hai.

Leave me alone...

Dhod mago to khir dege agar azan ruk doge to chir dege