किसी ने मोहल्ले बदले तो किसी ने मकान बदले, किसी ने लहजे बदले तो किसी ने लिबास बदले,, मैंने देखा है लोगो को यहां, किसी ने खुदा तो किसी ने आसमान बदले
'' जनाब दुश्मनो की तो बात ही छोड़ो , हमसे तो अपने भी जलते है ....||
नफरत भी हम हैसियत देख कर करते है, प्यार तो बहुत दूर की बात है........!!!
मुझे एक ने पूछा "कहा रहते हो" मैंने कहा "औकात मे" साले ने फिर पूछा "कब तक" मैंने कहा "सामने वाला रहे तब तक"..........!!!
दादागिरी तो हम मरने के बाद भी करेंगे, लोग पैदल चलेंगे और हम कंधो पर…...!!!
तेरी मोहब्बत को कभी खेल नही समजा, वरना खेल तो इतने खेले है कि कभी हारे नही….!!!
अंदाज़ कुछ अलग ही मेरे सोचने का है, सब को मंज़िल का है शौख मुझे रास्ते का है.......!!!
शब्द पहचान बनें मेरी तो बेहतर है, चेहरे का क्या है, वो मेरे साथ ही चला जाएगा एक दिन…..!!!
ऐसा नही है कि मुझमे कोई 'ऐब' नही है, पर सच कहता हूँ मुझमें कोई 'फरेब' नहीं है........!!!
हथियार तो सिर्फ शौक के लिए रखा करते है, वरना किसी के मन में खौंफ पैदा करने के लिए तो बस नाम ही काफी है.....!!!
ख़त्म हो भी तो कैसे, ये मंजिलो की आरजू, ये रास्ते है के रुकते नहीं, और इक हम के झुकते नही......!!!
उसने पुछा, कहाँ रहते हो, मैने कहा, अपनी औकात मे रहता हुं......!!!
जो खानदानी रईस हैं वो, रखते हैं मिजाज़ नर्म अपना, तुम्हारा लहजा बता रहा है तुम्हारी दौलत नई नई है…....!!!
न मैं गिरा और न मेरी उम्मीदों के मीनार गिरे, पर कुछ लोग मुझे गिराने में कई बार गिरे........!!!
अपनी शख्शियत की क्या मिसाल दूँ यारों ना जाने कितने मशहूर हो गये, मुझे बदनाम करते करते.....!!!
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