Dosti Shayari

अजब दस्तूर है ज़माने का, लोग यहाँ पूरी इमानदारी से अपना ईमान बेचते हैं.....!!!

जब सब तेरी मरजी से होता है, तो ऐ खुदा, ये बन्दा गुनाहगार केसे हो गया…....!!!

नहीं चाहिए वो सब जो मेरी किस्मत में नहीं, भीख मांग कर जीना मेरी फितरत में नहीं.......!!!

मैंने उस शख्स को कभी हासिल ही नहीं किया, फिर भी हर लम्हा लगता है कि मैंने उसे खो दिया…..!!!

चीजों की कीमत मिलने से पहले होती है, और इंसानों की कीमत खोने के बाद…...!!!

वक़्त के साथ ढल गया हूँ मैं, बस ज़रा-सा बदल गया हूँ मैं.......!!!

याद नहीं वो रूठा था या मैं रूठा था, साथ हमारा जरा सी बात पे छूटा था….!!!

वो शख्स फिर से मुझे तोड़ गया आज, जिसे कभी हम पूरी दुनिया कहा करते थे…..!!!

ए दोस्त !! कौन कहता है की मुझ में कोई कमाल रखा है, मुझे तो बस कुछ दोस्तो ने संभाल रक्खा है……...!!!

मेरी मौत पे किसी को अफ़सोस हो न हो, ऐ दोस्त...पर तन्हाई रोएगी कि मेरा हमसफर चला गया.....!!!

मुझको मेरे अकेलेपन से अब शिकायत नहीं है, मै पत्थर हूं मुझे खुद से भी मुहब्बत नहीं है........!!!

क़ाश कोई ऐसा हो, जो गले लगा कर कहे, तेरे दर्द से, मुझे भी तकलीफ होती है...........!!!

दिलों में खोट है ज़ुबां से प्यार करते हैं, बहुत से लोग दुनिया में यही व्यापार करते हैं…...!!!

मुझे किस तरफ जाना है कोई खबर नहीं.... ए-दोस्तों, मेरे रस्ते खो गए….. मेरी मोहोब्बत की तरह.......!!!

हमने अपने नसिब से ज्यादा अपने दोस्तो पर भरोसा रखा है, क्यु की नसिब तो बहोत बार बदला है, लैकिन मेरे दोस्त अभी भी वहि है.......!!!