इस कदर हमने अपने आप को बदनाम कर दिया कि मेरी परछाई ने भी मेरा साथ छोड़ दिया।।
होए होए होए होए होए , भाई आ रहा कारा में , घूमेंगे हम चारा में , लेकर होंडा हॉरनेट को , हम घूमेंगे याराना में , होए होए होए होए होए , चलेंगे दोनों हाथों में , लेकर बोतल हाथों में , दुश्मन का पारा हाई होगा , चलेंगे जब हम रातों में , होए होए होए होए होए , लिखेंगे स्टेटस हम गम भरे , दुनिया सोचेगी यह पीते हैं बोतल रम भरे , हम बात करेंगे रातों में , चलेगे जब दोनों हाथों में , होए होए होए होए होए घूमेंगे दोनों खंधों में , सर्दी के इस धुन्धो में , जाते-जाते कुछ लिख दूं , जो बात करे लोग बंदों में , होए होए होए होए होए , मैं भाई का छोटा भाई , कोरोना कि नहीं मिल रही दवाई , हाथ जोड़कर विनती है , मास्क लगाओ तभी है भलाई , होए होए होए होए होए , होए होए होए होए होए , भाई आ रहा कारा में , घूमेंगे हम चारा में , लेकर होंडा हॉरनेट को , हम घूमेंगे याराना में ,
कोई हमें प्यार करे ऐसा कोई प्यार नहीं मिलता, जिंदगी भर साथ निभाए ऐसा कोई यार नहीं मिलता! दिल में उमंग है किसी से प्यार करनेकी.. मगर कोई हमें जीभरके प्यार करें , ऐसा कोई दिलदार नहीं मिलता....!!
Pata Nahi Kab Mene Apko Khoo Dia Bhut Jayda Mene Pyar Apse Hi Kia Apke Alwa Mujhe Sab Fezul Sa Lagta Hai Hum Apke Bina Akele Se Lagte Hai Hum Apke Bina Akele Se Lagte Hai #SAGAR_R #BOXER🥊✍️
रास्ते खत्म हो जाते हैं चलते चलते, उमर यूं ही बीत जाती है किसी को चाहते चाहते, लफ्ज़ थक जाते हैं किसी का नाम लेते लेते, पर दिल नहीं थकता उसकी याद में रोते रोते....!!
🥃🍷🚬 लगता है महफिल में उतरना पड़ेगा दुबारा , कुछ लोग भूल गए हैं अंदाज हमारा....✍️ ~~भाई का छोटा भाई~
गमों की व्याख्या क्या लिखूं मैं.... गम तो मुझसे है , मैं गम मे नही...✍️ ~~भाई का छोटा भाई~
कुछ किया नहीं पर बेगुनाह भी नहीं, राजदार हम तेरे पर हमनवां भी नहीं! कैसे ये उल्फत सनम... वफा कर न सके और बेवफा भी नहीं! तुम समझ सको तो समझ लेना... तेरे पास भी नहीं और तुमसे जुदा भी नहीं!!
वक्त आने पर सब अपना रंग दिखा गए, कुछ लोग इतने भूखे थे कि मेरी खुशियां भी खा गए..!!
पत्थर पूजे हरि मिले तो मैं पुजू पहाड़ , मास्क बांधे कोरोना रुके तो मै बाधु तिरपाल....✍️ ~भाई का छोटा भाई
Main paida hi hua hoon iss duniya ko patthar marne ke liye Main pagal tha main paagal hoon main paagal hi rahugaa
Mere zakhmon ka ilaaj nahi kisi hakim kisi vaidh ke paas Main zakhmi tha main zakhmi hoon main zakhmi hi rahoogae
Main zindagi ki gadar se nahi haara Main haara toh teri buri nazar se haara
Itni taaqat hoti hai kisi ki buri nazar mein Ke adami ko lejakar sula deti hai kabar mein
Na main mandir mein jata hoon na masjid mein jata hoon Khuda khud mere ghar mujhse milne aata hai
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