करोना मोहब्बत की तरह है, आपको पता भी नहीं चलेगा कब हो गया.sk.
खुदा तो इक तरफ, खुद से भी कोसों दूर होता है, इंसान जिस वक्त ताकत के नशे में चूर होता है।
Wo Rootha Rahe Mujhse Ye Manzoor Hai Lekin. Yaron Use Samjhao Wo Mera Shaher Na Chhode
Jafa Ki Aag Tham Jaaye Fakhr Toote Kabhi Ajmal. Chale Aana Mere Ho Kar Main Maazi Fir Bhula Doonga
तुम को तो जान से प्यारा बना लिया; दिल का सुकून आँख का तारा का बना लिया; अब तुम साथ दो या ना दो तुम्हारी मर्ज़ी; हम ने तो तुम्हें ज़िन्दगी का सहारा बना लिया।
दो बातें उनसे की तो दिल का दर्द खो गया, लोगों ने हमसे पूछा कि तुम्हें क्या हो गया, बेकरार आँखों से सिर्फ हँस के हम रह गए, ये भी ना कह सके कि हमें इश्क़ हो गया...।
इस इश्क ने हमें मगरूर कर दिया, हर खुशी से बहुत दूर कर दिया, सोचा नहीं था कभी हमें इश्क़ होगा, पर आपकी नजरों ने मजबूर कर दिया।
लगाके इश्क़ की बाजी सुना है दिल दे बैठे हो, मुहब्बत मार डालेगी अभी तुम फूल जैसे हो।
तुझे देखे बिना तेरी तस्वीर बना दूँ, तुझे मिले बिना तेरा हाल बता दूँ, मेरी मोहब्बत में इतना दम है कि, तेरी आँखों के आँसू अपनी आँखों से गिरा दूँ।
दिल की हसरत मेरी जुबान पे आने लगी, तूने देखा और ये ज़िन्दगी मुस्कुराने लगी, ये इश्क़ की इन्तहा थी या दीवानगी मेरी, हर सूरत में सूरत तेरी नजर आने लगी।
महफ़िल ना सही तन्हाई तो मिलती है, मिलना न सही जुदाई तो मिलती है, कौन कहता इश्क़ में कुछ नहीं मिलता? वफ़ा न सही बेवफाई तो मिलती है।
मुझे पता है कि उस वक्त खुदा से तेरी फरियाद क्या थी और अब क्या है मुझे याद है कि वो मुलाकात क्या थी और ये मुलाकात क्या है तू बात बात पर दिखाती है अपनी हैसियत खामोश रहता हूँ मै क्योकि तुझसे प्यार करता हूँ वरना जमाने को पता है मेरे सामने तेरी हैसियत क्या थी और तेरी औकाद क्या है
सिर्फ सितारों में ही होती मोहब्बत अगर, तो इन अल्फाजों को खूबसूरती कौन देता, बस पत्थर बनकर रह जाता ताजमहल, अगर इश्क़ इसे अपनी पहचान ना देता।
इश्क़ है अगर शिकायत न कीजिए..! और शिकवे हैं तो मोहब्बत न कीजिए..!!
तेरे चेहरे को हम कभी भुला नहीं सकते, तेरी याद को कभी मिटा नहीं सकते ,आखिर में हमारी जान चली जाएगी, पर इस दिल में हम किसी और को बसा नहीं सकते!
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