Koi Manzil Nahi Jachti, Safar Achcha Nahi Lagta… Agar Ghar Laut Bhi Aaun To Ghar Achcha Nahi Lagta… Karun Kuch Bhi Mai Ab Duniya Ko Sab Achcha Hi Lagta Hai, Mujhe Kuch Bhi Tumhare Bin Magar Achcha Nahi Lagta.
Gireban Chaak Karna Kya Hai Seena Bahut Mushqil Hai Har Ik Pal Muskura Kar Ashq Peena Aur Mushqil Hai Humari Bad Naseebi Ne Humein Itna Sikhaya Hai Kise Ke Ishq Mein Marne Se Jeena Aur Mushqil Hai
Badalne Ko To In Ankhon Ke Manzar Nahin Badle Tumhari Yaad Ke Mausam Humare Gum Nahin Badle Tum Agle Janam Mein Humse Milogi Tab To Manogi Zamane Aur Sadi Ki Is Badal Mein Ham Nahin Badle
Main Jise Mudat Mein Kahta Tha Woh Pal Ki Baat Thi, Aapko Bhi Yaad Hoga Aaj Kal Ki Baat Thi, Roj Mela Jodte The Woh Samasya Ke Liye, Aur Unki Jeb Mein Hi Band Hal Ki Baat Thi,
Nazar Mein Shokhiyan Lab Par Mohabbat Ka Fasaana Hai Meri Ummeed Ki Zad Mein Abhi Saara Zamaana Hai Kayi Jeete Hain Dil Ke Desh Par Maloom Hai Mujhko Sikandar Hoon Mujhe Ik Roz Khaali Haath Jaana Hai
Har Sada Paigam Deti Fir Rahi Dar Dar, Chupiyon Se Bhi Bada Hai Chupiyon Ka Dar, Roj Mosham Ki Sararat Jhelta Kab Tak, Maine Khud Mein Rach Liye Kuchh Khusnuma Manjar, Vakt Ne Mujhse Kaha Kuchh Chahiye Toh Kah, Main Bola Sukriya Mujhko Maaf Kar, Main Bhi Us Mushkil Se Gujra Hu Jo Tujh Par Hai, Raah Nikalegi Koi Tu Samna Toh Kar…
Nahi Parwaah Mainu Faansi Di, Watan Layi Marna Dharam Mera, Bharat Mata Azaad Ae Karauni… Aes Bina Nahin Koi Karam Mera!
जिसने शाहजहाँ और औरंगजेब को उनकी नानी याद दिलाई थी वो मराठा वीर शिवाजी थे, जिसने मुगलों की चूलें हिलाई थी उस भगवा ध्वज वाहक में गजब की रवानी थी………………………………….. जिसने हर हिन्दुस्तानी के दिल में फिर, देशभक्ति की आग जलाई थी………………….
अकबर तो था आक्रमणकारी, उसे महान मत बतलाओ वीर प्रताप के गुण गाओ……… महाराणा के स्वाभिमान को मत भूल जाओ अकबर को महान बताना मक्कारी है, गद्दारी है……….. अपना प्रताप लाखों अकबरों पर अकेले भारी है……………….
देश को आजादी के नए अफसानों की जरूरत है भगत-आजाद जैसे आजादी के दीवानों की जरूरत है…….. भारत को फिर देशभक्त परवानों की जरूरत है………………….
जिन्हें है प्यार वतन से, वो देश के लिए अपना लहू बहाते हैं माँ की चरणों में अपना शीश चढ़ाकर, देश की आजादी बचाते हैं देश के लिए हँसते-हँसते अपनी जान लुटाते हैं…………………………
डॉक्टर : डिप्रेशन की पेशेंट से- क्या तकलीफ़ है..? लेडी पेशेंट : सर, दिमाग में बहुत उल्टे पुलटे विचार आते हैं, रुकते ही नहीं… डॉक्टर : कैसे विचार आते हैं ..? लेडी पेशेंट : जैसे अब मैं यहाँ आई हूँ तो आपके ओपीडी में एक भी पेशेंट नहीं था.. तो मैं सोचने लगी कि डॉक्टर साहब के पास कोई भी पेशेंट नहीं है, इनकी कमाई कैसे होगी, घर कैसे चलेगा, इतना पैसा डाला पढ़ाई में, अब क्या करेंगे.. हॉस्पिटल बनाने में भी बहुत पैसा लगाया होगा, अब लोन कैसे चुकाएंगे ? कहीं किसानों के माफ़िक लटक तो नहीं जाएंगे एक दिन…!! ऐसे कुछ भी विचार आते रहते हैं… अब डॉक्टर डिप्रेशन मे है।
पिता: उदास क्यों है बेटा? बेटा: नहीं बता सकता आपको। पिता: अपना दोस्त समझ के बता दे। बेटा: अब क्या बताऊं यार.. …तेरी भाभी iPhone मांग रही है। दे थप्पड़, दे थप्पड़, दे थप्पड़!
संता ने बंता को हिंदी SMS भेजा भेजने वाला महान, पढ़ने वाला गधा. बंता गुस्से में वापिस sms भेजता है: भेजने वाला गधा, पढ़ने वाला महान!!
कभी कभी मेरे दिल मैं ख्याल आता हैं कि ज़िंदगी तेरी जुल्फों कि नर्म छांव मैं गुजरने पाती तो शादाब हो भी सकती थी। यह रंज-ओ-ग़म कि सियाही जो दिल पे छाई हैं तेरी नज़र कि शुआओं मैं खो भी सकती थी। मगर यह हो न सका और अब ये आलम हैं कि तू नहीं, तेरा ग़म तेरी जुस्तजू भी नहीं। गुज़र रही हैं कुछ इस तरह ज़िंदगी जैसे, इससे किसी के सहारे कि आरझु भी नहीं. न कोई राह, न मंजिल, न रौशनी का सुराग भटक रहीं है अंधेरों मैं ज़िंदगी मेरी. इन्ही अंधेरों मैं रह जाऊँगा कभी खो कर मैं जानता हूँ मेरी हम-नफस, मगर यूंही कभी कभी मेरे दिल मैं ख्याल आता है. ***
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