गरीबी आदमियों के कपडे उतार लेती है, और अमीरी औरतों के……!!!
लोग रोज नसें काटते हैं, प्यार साबित करने के लिये, पर कोई, सूई भी नही चुभने देता, "रक्तदान" करने के लिये…......!!!
समुन्दर से कह दो, अपनी लहरों को समेट के रखे, ज़िन्दगी में तूफान लाने के लिए, घरवाली ही काफी है….!!!
डालकर आदत बेपनाह मोहब्बत की कहते है कि समझा करो वक्त नहीं है |||
किसी से दिल लगाने से अच्छा है, घर में झाड़ु पोछा लगा लो, कम से कम मम्मी तो खुश हो जाएँगी.........!!!
दिली तमन्ना है कि मैं भी अपनी पलकों पे बैठाऊँ तुझको, बस तू अपना वजन कम करले, तो मेरा काम आसान हो जाए........!!!
परेशान पति का कोई मज़हब नहीं होता, वो मन्दिर भी जाता है और मस्जिद भी.........!!!
कमाल की मोहब्बत थी उसे मुझसे उसे किसी और का भी होना था और मेरा भी बने रहना था ||||
किस किस का नाम लें, अपनी बरबादी में, बहुत लोग आये थे दुआए देने शादी में.......!!!
जिस तरह से पेड़ काटे जा रहे हैं, वो दिन ज्यादा दूर नही जब, 'हरियाली' के नाम पर सिर्फ 'लड़कियां' रह जायेगीं.........!!!
कैसे मुमकिन था किसी डॉक्टर से इलाज करना अरे दोस्त…. इश्क का रोग था… मम्मी के चप्पल से ही आराम आया…...!!!
दर्द भी वही देते है जिन्हे हक़ दिया जाता है वरना .. गैर तो धक्का लगने पर भी माफ़ी मांग लेते है ..||||
चिंता मत कर मेरी जान | शक्ल तो क्या ......| तुम्हे मेरा कफ़न देखने का भी मौका नहीं मिलेगा ..... !!!!!
खुद ही रोये और रोकर चुप हो गऐ, बस यही सोच कर कि आज कोई अपना होता तो रोने नही देता.....!!!
फर्क है दोस्ती और मोहोब्बत मे, बरसो बाद मिलने पर दोस्ती सीने से लगा लेती है, और मोहब्बत नज़र चुरा लेती है….!!!
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