Sad Shayari

Log kehte hain unhe aadat hai muskurane ki ,,pr unko kya pta ye b ek ada hai gum shupane ki!!!!

Posted On: 08-11-2017

"क्यों दिल के करीब आता हैं कोई क्यों अपनेपन का एहसास करा जाता हैं कोई जब आदत हो जाती हैं दिल को उसकी तो फिर क्यों उतना ही दूर चला जाता हैं कोई"...

Posted On: 10-10-2017

Humdum To Sath Sath Chalte Hain, Raaste To Bewafa Badalte Hain,Tera Chehra Hai Jab Se Aankhon Mein, Meri Aankhon Se Log Jalte Hain.

Posted On: 08-10-2017

दिल की आरजू निकली है आवाज बनकर , खुनी भी हम है , कतल भी हमारा हुआ है , सजा भी हमको मिली है , तुमसे बिछड़केl

Posted On: 20-08-2017

मज़बूरी में जब कोई जुदा होता है, ज़रूरी नहीं कि वो बेवफ़ा होता है, देकर वो आपकी आँखों में आँसू, अकेले में वो आपसे ज्यादा रोता है.

Posted On: 20-08-2017

दुश्मन भी मेरे मुरीद हैं शायद वक़्त बेवक्त मेरा नाम लिया करते हैं मेरी गली से गुज़रते हैं छुपा के खंजर रु-ब-रु होने पर सलाम किया करते हैं.

Posted On: 12-08-2017

मुझे नींद की इजाज़त भी उनकी यादों से लेनी पड़ती है, जो खुद आराम से सोये हैं मुझे करबटों में छोड़ कर।

Posted On: 12-08-2017

एक रिश्ता जो मुँह बोला था उसका भी तुमने तिरस्कार किया छोड़ कर दुर चले गये…… ये कैसा तुम्हारा प्यार हुआ

Posted On: 10-08-2017

दिल में प्यार का आगाज हुआ करता है, बातें करने का अंदाज हुआ करता है, जब तक दिल को ठोकर नहीं लगती, सबको अपने प्यार पर नाज हुआ करता है!

Posted On: 28-07-2017

हमने भी कभी चाहा था एक ऐसे शख्स को, जो था आइने से नाज़ुक मगर था संगदिल।

Posted On: 28-07-2017

दिल पे आए हुए इल्ज़ाम से पहचानते हैं, लोग अब मुझ को तेरे नाम से पहचानते हैं।

Posted On: 02-03-2017

तन्हाई कि रात कट ही जाएगी इतने भी हम मजबूर नहीं, दोहरा कर तेरी बातों को कभी हँस लेंगे कभी रो लेंगे।

Posted On: 01-03-2017

तेरे हर गम को अपनी रूह में उतार लूँ, ज़िन्दगी अपनी तेरी चाहत में संवार लूँ, मुलाकात हो तुझसे कुछ इस तरह मेरी, सारी उम्र बस एक मुलाकात में गुज़ार लूँ।

Posted On: 01-03-2017

बहुत लहरों को पकड़ा डूबने वाले के हाथों ने, यही बस एक दरिया का नजारा याद रहता है, मैं किस तेजी से जिन्दा हूँ मैं ये तो भूल जाता हूँ, नहीं आना है दुनिया में दोबारा याद रहता है।

Posted On: 01-03-2017

इतना तो ज़िंदगी में, न किसी की खलल पड़े, हँसने से हो सुकून, न रोने से कल पड़े, मुद्दत के बाद उसने, जो की लुत्फ़ की निगाह, जी खुश तो हो गया, मगर आँसू निकल पड़े।