क्यूं समझ बैठा कि इस मरहम का तुम ही एक भरम थे । बात तो ठीक है तुम्हारी वेवजह किसी को चाहना वो सब मेरे ही गलत करम थे ।।
ए चांद गुमान न कर हम तेरी चांदनी से भी नफ़रत करते हैं ।
Duniya ke jhuthe risto ke Piche padne me Kya rakha hai..Jo rista Bhagwan ne sabse saccha maa baap ka bacche se bnaya hai uski Kadar kro jindgi ko sohrat ki mukam tk khud logo ko pahocha deti hai
जी चाहता है कि अपने दिल के दर्द को कोरे काग़ज़ पर लिखकर उतार दूँ, फिर सोचता हूँ कि इसे पढ़ेगा कौन प्यार तो अंधा होता है। । By:- Ravi Nishayar
खुशी कोई भी अब राश नहीं आ रही मेरी परछाई भी अब मेरे पास नहीं आ रही ये जमाना कहता है की बो नहीं आयेगा पर कामवक्त मेरे दिल से तेरे आने की आशा नहीं जा रही
उसके गुसलखाने में रखा मिस्वाक बता रहा है 'असद'। कि अब उसके दिल में किसी और का बसेरा है।।
Sapne dono ne dekhe toot k chur chur ho gye tumne shadi kar li or mohalle me mashooor hum ho gye
वो हमसे दूर हो गयी खफा हो के उसने किसी और से शादी कर ली हमसे बेवफा हो के💔💔💔💔💔💔
उसको भी मजा आ गया मेरे दिल के साथ शतरंज का खेल खेल के । उसको ये नहीं पता था कि उस खेल का राजा में ही था !! shayribypahadi07
वह प्यार मोहब्बत की झूठी बातें बड़ी जल्दी नफ़रत करना सीख गए और जिन को भूलना नहीं था उनका बड़ी जल्दी भूल गए
ये कागज नही दिल हैं सनम, इसपे अक्षर नही इश्क लिखता हूं। तभी तो बेवफाओ के महफिल में मैं अक्सर तनहा दिखता हूं।
दिन में रात नही होती रात में चांदनी नही होती जिस लडकी से प्यार करता हूं उससे मुलाकात नही होती
जियो इतना कि मरना मुश्किल हो जाए हंसो इतना कि रोना मुश्किल हो जाए छूना इतना की मरना मुश्किल हो जाए
ए खुदा मैं तुमसे एक फरियाद करता हूं वह हमेशा खुश रहे जिन्हें मैं याद करता हूं
हाथ पकड़ कर रोक लेते अगर तुम पर जरा भी जोर होता ना रोते हम तुम्हारे लिए यो तुम्हारे सिवा हमारी जिंदगी में कोई और होता
MaggieNaite is offline
Satish Chandra is offline
Arjun is offline
Kamal is offline
Ritesh is offline
Amit is offline
Manjil is offline
Sample is offline
butterfly hart to is offline
Nasim is offline
Rampravesh is offline
Sonu is offline
Ayaz is offline
Alok is offline
Kashyap is offline
Please Login or Sign Up to write your book.