Bewafa Shayari

Posted On: 02-12-2018

हम नहीं जानते की मोहब्ब्त में बेवफाई क्यूँ मिलती है, बस इतना जानते है की किसी को टूट कर चाहो तो वो ही दिल तोड़ कर चले जाते है !! Yashraj

Posted On: 28-11-2018

दिल देता है दुआ ये नयी पहचान बन कर, दूर चले जाएंगे हम तेरी जिंदगी से एक उभरा हुआ तूफान बन कर। खुश रहना तू हमेशा उसकी पनाह में। जो बसा है तेरे दिल में तेरी पहचान बन कर।

Posted On: 07-10-2018

The deal has done something like your dreams, from my sleep .., Either both come, or no one comes

Posted On: 04-09-2018

The Lord gave us two ends - one to sit on and the other to think with. Success depends on which one we use the most

Posted On: 30-08-2018

दिल-ऐ -ग़म गुस्ताख़ फिर तेरे कूचे को जाता है ख्याल दिल -ऐ -ग़म गुस्ताख़ मगर याद आया कोई वीरानी सी वीरानी है . दश्त को देख के घर याद आया

Posted On: 15-12-2017

आज कल सब कहते हैं मैं बुझा सा रहता हूँ, अगर जलता रहता तो कब का खाक हो जाता।

Posted On: 14-12-2017

Manusya apne Bhagya ka nirmata khud hota hai

Posted On: 04-12-2017

नींद से क्या शिकवा जो आती नहीं रात भर, कसूर तो उस चेहरे का है जो सोने नहीं देता।

Posted On: 14-11-2017

मेरी बर्बादी पर तू कोई मलाल ना करना, भूल जाना मेरा ख्याल ना करना, हम तेरी ख़ुशी के लिए कफ़न ओढ़ लेंगे, पर तुम मेरी लाश ले कोई सवाल मत करना!

Posted On: 14-11-2017

प्यार मोहब्बत आशिकी.. ये बस अल्फाज थे.. मगर.. जब तुम मिले.. तब इन अल्फाजो को मायने मिले !

Posted On: 14-11-2017

Dil ki nazuk dhadkano ko.. Mere sanam tumne dhadkana sikha diya, Jab se mila hai tera pyaar dil ko, Gham ne bhi muskurana sikha diya.

Posted On: 14-11-2017

मेरी यादो में तुम हो, या मुझ मे ही तुम हो, मेरे ख्यालो में तुम हो, या मेरा ख्याल ही तुम हो, दिल मेरा धड़क के पुछे बार बार एक ही बात, मेरी जान में तुम हो या मेरा जान ही तुम हो।

Posted On: 14-11-2017

साथ रहते यूँ ही वक़्त गुज़र जायेगा, दूर होने के बाद कौन किसे याद आयेगा, जी लो ये पल जब हम साथ हैं, कल क्या पता वक़्त कहाँ ले जायेगा।

Posted On: 10-11-2017

आज तक है उसके लौट आने की उम्मीद, आज तक ठहरी है ज़िंदगी अपनी जगह, लाख ये चाहा कि उसे भूल जाये पर,

Posted On: 10-11-2017

रंजिश ही सही दिल को दुखाने के लिए आ, आ फिर से मुझे छोड़ जाने के लिए आ, कुछ तो मेरे इश्क़ का रहने दे भरम, तू भी तो कभी मुझे मनाने के लिए आ