Bewafa Shayari

नफरतों को जलाओ मोहोब्बत की रौशनी होगी, वरना- इंसान जब भी जले हैं ख़ाक ही हुए है......!!!

जिनके आँगन में अमीरी का पेड लगता है, उनका हर ऐब ज़माने को हुनर लगता है.........!!!

ना करूं तुझको याद तो खुदकी साँसों में उलझ जाता हूँ मैं, समझ नहीं आता की ज़िन्दगी साँसों से हे या तेरी यादों से..........!!!

सजा मेरे हिस्से की उनको बस इतनी ही देना मेरे मौला, तारे मै गिनता रहु और वो रात-भर करवटे बदलती रहे......!!!

कोई ठुकरा दे तो हँसकर जी लेना, क्यूँकि मोहब्बत की दुनिया में जबरदस्ती नहीं होती....!!!

दिए हैं ज़ख़्म तो मरहम का तकल्लुफ न करो, कुछ तो रहने दो, मुझ पे एहसान अपना….....!!!

करती है बार बार फोन, वो ये कहने के लिए, कि जाओ, मुझे तुमसे बात नही करनी…....!!!

पगली तेरी मोहब्बत ने मेरा ये हाल कर दिया है, मैं नहीं रोता, लोग मुझे देख कर रोते हैं…......!!!

गुजर जायेगा ये दौर भी, जरा सा इत्मिनान तो रख, जब खुशिया ही नहीं ठहरी, तो गम की क्या बिसात.........!!!

मेरे दिल में ज्यादा देर तक रुकता नहीं कोई, लोग कहते हैं मेरे दिल में साया है तेरा…......!!!

आसमाँ इतनी बुलंदी पे जो इतराता है, भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है......!!!

दुआ करते हैं हम सर झुका के, आप अपनी मंज़िल को पाए, अगर आपकी राहों मे कभी अंधेरा आए, तो रोशनी के लिए खुदा हमको जलाए.........!!!

वो मोबाइल के एक फोल्डर में तेरी तस्वीरें इकठ्ठा की है मैंने, बस इसके सिवा और ख़ास कुछ जायदाद नहीं है मेरी..........!!!

ना तेरे आने कि खुशी ना तेरे जाने का गम, गुजर गया वो जमाना जब तेरे दीवाने थे हम…...!!!

मेरे दुश्मन भी, मेरे मुरीद हैं शायद, वक़्त बेवक्त मेरा नाम लिया करते हैं, मेरी गली से गुज़रते हैं छुपा के खंजर, रु-ब-रु होने पर सलाम किया करते हैं..........!!!