Bewafa Shayari

मेरी फितरत ही कुछ ऐसी है कि, दर्द सहने का लुत्फ़ उठाता हु मैं….....!!!

दर्द तो अकेले ही सहते हैं सभी, भीड़ तो बस फ़र्ज़ अदा करती है….!!!

ये इश्क भी क्या चीज़ है ग़ालिब, एक वो है जो धोखा दिए जाते हैं, और एक हम है, जो मौका दिए जाते हैं…...!!!

वो मेरी होंगी तो लोट आएँगी एक दिन मेरे पास, हम जिसे प्यार करते है उसे कैद नहीं करते..........!!!

आओ कुछ देर ज़िक्र करे उन दिनों का, जब तुम हमारे और हम तुम्हारे थे......!!!

उसे हम याद आते है मगर फुर्सत के लम्हों में, यह बात और है की उसे फुर्सत ही नहीं मिलती......!!!

तुझे हकीक़त में अक्सर लोग मुझसे छीन लेते हैं, तुम मिलने मुझसे आया करो अब सिर्फ ख़्वाबों में.......!!!

हँस कर दर्द छुपाने की कारीगरी मशहूर है मेरी, पर कोई हुनर काम नहीं आता, जब तेरा नाम आता हैं…...!!!

एक ही बात इन लकीरों में अच्छी हैं, धोखा देती हैं, मगर रहती हाथ में ही हैं........!!!

तुम सामने आये तो, अजब तमाशा हुआ, हर शिकायत ने जैसे, खुदकुशी कर ली.......!!!

गुलाम हु मै अपने घर के संस्कारो का, वरना मै भी लोगो को उनकी औकात दीखाने का हुनर रखता हुं......!!!

ज़माना जब भी मुझे मुश्किल मे डाल देता है, मेरा ख़ुदा हज़ार रास्ते निकाल देता है.......!!!

पलकें खुली सुबह तो ये जाना हमने, मौत ने आज फिर हमें ज़िन्दगी के हवाले कर दिया.....!!!

तुम्हारे ख्वाबों को गिरवी रखके, तकिये से रोज़ रात थोड़ी नींद उधार लेता हु......!!!

तूने हसीन से हसीन चेहरो को उदास किया है, ए इश्क, तू अगर इन्सान होता तो तेरा पहला कातिल मै होता......!!!