Desh Bhakti Shayari

सुधर जा ऐ पाकिस्तानी... वर्ना नक्शे से मिट जाएगा , हिन्दुस्तान जिंदाबाद ... तेरा रोम रोम चिल्लाएगा , तेरी आने वाली पीढ़ी मेरे मुल्क की तलवे चाटेगी ... मत उलझना हिन्दुस्तानी से तेरी मरी मां भी डाटेगी !

सुधर जा ऐ पाकिस्तानी वर्ना नक्शे से मिट जाएगा .... हिन्दुस्तान जिंदाबाद तेरा रोम रोम चिल्लाएगा ....

अर्खुब भरे दर्द ज़मानें रह गए... हम ईंशानीयत का फर्ज निभाने में रह गए , तुम सब चुपके से आकर हमारे घर में आग लगाते रहे ... और हम तुम्हारे ही घर कि आग बुझाने में रह गए !

क्यो मरते हो दफा 302 के लिए अरे मरना ही है तो मरो अपने इस वतन के लिए जिस पर ये भारत देश ओढा देगा तिरंगा तुम्हारे कफन के लिए ।

हम मरते नही तुम जैसी सनम बेवफा के लिए अरे मरना ही होगा तो मै मरूँगा अपने इस वतन के लिए जीसपर तुम जैसी लड्कीया अपना रूपट्टा ओढा देंगी हमारे कफन के लिए ।

Happy Independence Day 2019

ज़माने भर में मिलते हे आशिक कई , मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता , नोटों में भी लिपट कर, सोने में सिमटकर मरे हे कई , मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता

खूब बहती है, अमन की गंगा बहने दो… मत फैलाओ देश में दंगा रहने दो… लाल हरे रंग में ना बाटो हमको… मेरे छत पर एक तिरंगा रहने दो

खुशनसीब हैं वो जो वतन पर मिट जाते हैं, मरकर भी वो लोग अमर हो जाते हैं, करता हूँ उन्हें सलाम ए वतन पे मिटने वालों, तुम्हारी हर साँस में तिरंगे का नसीब बसता है

कुछ नशा तिरंगे की आन का है, कुछ नशा मातृभूमि की मान का है, हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा, नशा ये हिन्दुस्तान की शान का है

कर जस्बे को बुलंद जवान तेरे पीछे खड़ी आवाम हर पत्ते को मार गिरायेंगे जो हमसे देश बटवायेंगे

तैरना है तो समंदर में तैरो नालों में क्या रखा हैं, प्यार करना है तो देश से करो औरों में क्या रखा हैं

मैं भारत बरस का हरदम सम्मान करता हूँ, यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ, मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की, तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ

ऐ मेरे वतन के लोगों तुम खूब लगा लो नारा ये शुभ दिन है हम सब का लहरा लो तिरंगा प्यारा पर मत भूलो सीमा पर वीरों ने है प्राण गँवाए कुछ याद उन्हें भी कर लो जो लौट के घर न आये

मुझे ना तन चाहिए, ना धन चाहिए बस अमन से भरा यह वतन चाहिए जब तक जिन्दा रहूं, इस मातृ-भूमि के लिए और जब मरुँ तो तिरंगा कफ़न चाहिये