Desh Bhakti Shayari

आजादी की कभी शाम नहीं होने देंगे शहीदों की कुर्बानी बदनाम नहीं होने देंगे बची हो जो एक बूंद भी लहू की तब तक भारत माता का आँचल नीलाम नहीं होने देंगे

अब तक खून नहीं खौला ओ खून नहीं पानी है जो देश के काम ना आय ओ बेकार जवानी है

एक सैनिक ने क्या खूब कहा है... किसी गजरे की खुशबु को महकता छोड़ आया हूँ, मेरी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ आया हूँ, मुझे छाती से अपनी तू लगा लेना ऐ भारत माँ, मैं अपनी माँ की बाहों को तरसता छोड़ आया हूँ। जय हिन्द.

धन भी रखते है, गन भी रखते है, और_सुन बेटा ब्राह्मण पंडित है, थोड़ा हटके रर्इयो वरना, ठोकने का ज़िगर भी रखते है..!!

लड़ें वो बीर जवानों की तरह, ठंडा खून फ़ौलाद हुआ, मरते-मरते भी की मार गिराए, तभी तो देश आज़ाद हुआ.

जो अब तक ना खौला वो खून नही पानी हैं, जो देश के काम ना आये वो बेकार जवानी हैं.

This country will remain the home of the liberated only, as long as we make it the land of the brave. Happy Independence Day.

इश्क तो करता है हर कोई, महबूब पे मरता है तो हर कोई, कभी वतन को महबूब बना कर देखो तुझ पे मरेगा हर कोई ..........!!!

कुछ नशा तिरंगे की आन का है, कुछ नशा मातृभूमि की शान का है, हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा, नशा ये हिंदुस्तान की शान का है.

न मरो सनम बेवफा के लिए, दो गज जमीन नहीं मिलेगी दफ़न होने के लिए, मरना है तो मरो वतन के लिए, हसीना भी दुपट्टा उतार देगी तेरे कफ़न के लिए.

मुझे ना तन चाहिए, ना धन चाहिए बस अमन से भरा यह वतन चाहिए जब तक जिन्दा रहूं, इस मातृ-भूमि के लिए और जब मरुँ तो तिरंगा कफ़न चाहिये

ऐ मेरे वतन के लोगों तुम खूब लगा लो नारा ये शुभ दिन है हम सब का लहरा लो तिरंगा प्यारा पर मत भूलो सीमा पर वीरों ने है प्राण गँवाए कुछ याद उन्हें भी कर लो जो लौट के घर न आये….

कैसे कह दूँ की सरकार गुनाहगार नहीं है...क़ातिल है मगर हाथों मे तलवार नहीं है कितने घरों के चिराग बुझ गये एक पल में...ऐसे जुर्म पे भी हुकूमत शर्मसार नहीं है।