Latest Shayari

कलाई पर सजा के राखी माथे लगा दिया है चंदन सावन के पावन मौके पर मेरी प्यारी बहना को हैप्पी रक्षा बंधन

Time and distance means nothing between Brothers and Sisters. We are always in each other's heart.

Posted On: 16-08-2021

gaurav

Posted On: 16-08-2021

कभी ‌‍स्याही से भरा हुआ करता था यह कोरा कागज अब तो बस चंद छीटो की ही आश में है।

Posted On: 15-08-2021

Posted On: 15-08-2021

मैं तारीफ तारीफ करता था उसकी बिंदी की ! मेरे लफ्ज कम पड़ गए जब उसने झुमके पहन लिए !!

यूँ दर-ब-दर भटकना अच्छा नही ग़ालिब तुम्हे कौनसा इस शहर में पहचान बनानी है

Posted On: 09-08-2021

Posted On: 09-08-2021

अकेले ही खुश है खिताब हमे आशिक़ मिजाज ना दे, चली जा रही हूं अपनी तनाहियो से बात करता है इश्क मुझे पीछे से आवाज ना दे

Posted On: 08-08-2021

मानव का रचा हुया सूरज मानव को भाप बनाकर सोख गया। पत्‍थर पर लिखी हुई यह जली हुई छाया मानव की साखी है ~ अज्ञेय ("हिरोशिमा")

Posted On: 08-08-2021

तुम्हें मालूम था यह राह नहीं निकलती जहाँ पहुँचना मैंने तुम उस तरफ जा भी नहीं रहे थे फिर भी तुम चलते रहे मेरे साथ-साथ… - पद्मा सचदेव

Posted On: 02-08-2021