35 दिन से घर बैठा हूं,पत्नी आते जाते बोलती है पता नहीं कब ये बीमारी जायेगा, समझ नहीं आता मुझे कह रही है या करोना को....
रिश्ते मुरझा जाते हैं गलतफहमियां से, बिखर जाते हैं अहंकार से रिश्ते...
ढल जाती है हर चीज अपने वक्त पर, बस व्यवहार और लगाव ही है ... जो कभी बुढ़े नहीं होते!
नज़र एक तुम पर ही रहि वर्ना नजारे लाख गुजरे है। इन आँखों के आगे से ••••••
#जीवन में कामयाब होने के लिए पैसों की जरूरत नहीं बल्कि अपने अंदर हौसला होना आवश्यक कुछ मंजिलों को #अमीर _लोग _हासिल नहीं कर पाते है❣️❣️🍁 उसे पाने के लिए पैसे नहीं संघर्ष की आवश्यकता होती है
दिल काँच का होता है लिखना क्या है, टूट गया फेंक दो रखना क्या है?
खामोशियाँ.... बहुत कुछ कहती हैं, कान लगाकर नहीं, दिल लगाकर सुनो।
दिल मेरा भी कम खूबसूरत तो न था, मगर मरने वाले हर बार सूरत पे ही मरे..SK..
ना खौफ ना खबर अरे कहां हो ओ बेखबर...SK...
बाग में टहलते एक दिन, जब वो बेनकाब हो गए, जितने पेड़ थे बबूल के सब के सब गुलाब हो गए..
कुछ तुम भूली कुछ मैं भूला मंज़िल फिर से आसान हुई हम मिले अचानक जैसे फिर पहली पहली पहचान हुई
तेरी क्या औकात रुह मे बसने की… हम तो शायरी से लोगों की नस नस में बस जाते है..
आज उस काग़ज़ पे, ज़िन्दगी की कोई दास्ताँ लिख रहा हूँ, जिस कागज़ को, किसी पेड़ की ज़िन्दगी छीन के, बनाया गया होगा..
उसके ना होने से कुछ भी नहीं बदला मुझ में; बस जहाँ पहले दिल रहता था वहाँ अब सिर्फ दर्द रहता है।
मेरे शब्दो को इतनी शिद्दत से ना पढा करो, कुछ याद रह गया तो हमे भूल नही पाओगे !!!
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