Latest Shayari

Posted On: 24-07-2019

Kalam se kuj lafaz naraz hai Kehtee hai abh tera b imaan bekh geya hai WRITER Gopi sidhu

Posted On: 24-07-2019

Zindgi ki kitaab main Nafrat k libaas main Kantoo ne kuj phool chupaye hai Mausam k shabbab main WRITER GOPI SIDHU

Posted On: 24-07-2019

Maine yeah umeed chodh di hai Tujh se umeed laghanee ki Itni badi saza Hume mili hai Tera dil charanee ki WRITER GOPI SIDHU

Posted On: 22-07-2019

Uski Lahee raha te hui zulfaee kya jadu kargai....uski lahee raha te hui zulfee kya jadu kargai.........lahee raahe ese ke mano duniya taabha kargai

गजल सायरी;आसुको ताल नबनाउ ---------लाक्पा शेर्पा समर्पित--------- = जीन्दगीलाई तिमी, आसुको ताल नबनाउ॥ समुन्द्रको पानी जस्तै,बग्ने छाल नबनाउ॥ = माया पाउन सबैलाई माया दिनु जान्नुपर्छ॥ दुनियालाई दुखदिने खराब चाल नबनाउ॥ = हुन्छन सबैका तिम्रा जस्तै सानाठुला सपना॥ षडयन्रले भरिएको माकुरा झै जाल नबनाउ॥ = जुराएका हुन्छन ईश्बरले मित्र फरक सबैलाई॥ पानी बिनाको माछा जस्तै हाल नबनाउ॥ = आजको समय भोलीफेरि घुमी फर्कि आउदैन॥ यो बर्षलाई पिडादायी नभुल्ने साल नबनाई॥ = गजलकार :- लाक्पा शेर्पा समर्पित Youtube :- TechLakpaTv

खुद को खुदी से छुपाता हु मै दीवारो की मुरम्त चल रही है तभी तो बारिश के समय छत ढुढने चला जाता हु अभी कमी है कही तभी तो बारिश का बहाना बनाता हु ✍️ लेखक लखविन्दर सिहं चहल

मै ढूँढने लगा वो खो गया उसने पूछा तक नहीं वो परछाई की तरह अंधेरे मै गायव हो गया जब उज्वल पहर हुआ तब तक मै खफा हो गया ✍️ #Lakhwinder singh chahal

ਅਸੀਂ ਅੱਜ ਵੀ ਉਡੀਕ ਵਿੱਚ ਹਾਂ ਪਰ ਹੋਰਾਂ ਦਾ ਨੰਬਰ ਲੱਗ ਗਿਆ ਰੇਤ ਨੇਂ ਤਾਂ ਖੁਰਣਾਂ ਸੀ ੳਹਨਾਂ ਨੂੰ ਨਵਾਂ ਸੱਜਣ ਜੋ ਲੱਭ ਗਿਆ । ਲੇਖਕ - Lakhwinder Chahal

पढा इतना कि खुद पर गुमान हो गया . जब जिंदगी मे कुछ करने का समय था . तब जाकर #कमबक्त J. #मासूम V #बदनाम हो गया ! ✍️( #L@khwinder singh chahal )

बिखरा हुआ हूँ मै. कुछ रंज है, कुछ कड़वाहट है, अपने आप से ख़फ़ा हुआ हूँ मै. कुछ वादे, बातें, सूखे पत्ते और बहुत सारा दर्द, ना जाने क्या क्या लेके बढ़ा चला हूँ मैं. अजीब सी कशमकश रहती है दिल में ना जाने क्यूँ, फिर भी दिल को बहलाकर बढ़ा चला हूँ मैं. लोग, दुनिया, समाज सबको दिखता है सिर्फ रंग चेहरे का, किसी को क्या मालूम कि कितना बिखरा हुआ हूँ मै. किसी को क्या मालूम कि कितना बिखरा हुआ हूँ मै.

गम लाखों हैं दिल में हैं मेरे, है मुस्कुराहट चेहरे पर, वो समझें कि मैं खुश हूँ बहुत , दुःख काफी दिल मैं गहरे पर, सब पूछते क्या दुःख है तुझे, मैं कह नहीं सकता ज्यादा कुछ, कह सकता हूँ इतना पर, दिल खोल नहीं सकता आगे सबके, गम बैठा दर (दरवाजा) के पहरे पर, गम ही है एकमात्र भाव,जो छुपा नहीं सकता कोई, गर छुपा लिया तुमने इसको, तुम कहलाओगे अद्भुत नर ।।

Posted On: 09-07-2019

Zaroorat to hoti hai sabhi ko mager, Kuch zaroorat airayish hoti hai zindagi ki.

Suraj kumar

Posted On: 07-07-2019

कुछ - कुछ EVM सी है वफादारी मेरी। -२ कुछ करे न करे बदनाम ही रहती है।।

Posted On: 07-07-2019