Dil
*...सपना है आॅखो में,,, मगर नींद कहीं और है।* *दिल तो हैं जिस्म में,,, मगर धड़कन💕 कहीं और है।।* *कैसे बयान करें अपना हाल - ए - दिल❤* *जी तो रहें हैं,,, मगर जिंदगी कहीं और है।*
तुझसे मिलने की सजा देंगे तेरे शहर के लोग ये वफाओं का सिला देंगे तेरे शहर के लोग कह के दीवाना मुझे मारते हैं सब पत्थर और इसके क्या है इसके सिवा देंगे तेरे शहर के लोग ✍✍✍✍jakhme dilip
अभी पाना कुछ बहुत बाकी है कुछ हंसना कुछ रुलाना अभी बाकी है जिंदगी जीना है तो हंस के जियो कामयाबी की मंजिल अभी पाना बाकी है दुनिया में कितने अजीब लोग मिलते हैं कुछ लोगों को आजमाया है कुछ लोगों को अभी आजमाना बाकी है ✍✍ Jakhmi Dilip
मुस्कराहट का कोई मोल नहीं होता, कुछ रिश्तों का कोई तोल नहीं होता, लोग तो मिल जाते है हर मोड़ पर, हर कोई आप की तरह अनमोल नहीं होता।
दुनिया में कोई किसी के लिए कुछ नहीं करता, मरने वाले के साथ हर कोई नहीं मरता, अरे… मरने की बात तो दूर रही, यहाँ तो जिंदगी है फिर भी कोई याद नहीं करता | Good evening all friend
तलाश मेरी थी और भटक रहा था वो, दिल मेरा था और धड़क रहा था वो। प्यार का ताल्लुक भी अजीब होता है, आंसू मेरे थे और सिसक रहा था वो। Shayari Puja Kumari
छोटे से दिल ❤️में गम बहुत है, जिन्दगी में मिले जख्म बहुत हैं, मार ही डालती कब की ये दुनियाँ हमें, कम्बखत दोस्तों की दुआओं में दम बहुत है.
Yea dil
कितना खूबसूरत सा धोखा था जो तूने मेरे दिल को दिया एक पल में तूने सारी खुशियां छीन ली और सारी जिंदगी का दर्द दिया शुक्रिया तुम्हारा शुक्रिया प्यार में सिर्फ धोखा ही मिलता है मैंने रब से मांगा था जो दुआ वह रब ने धूल में उड़ा दिया एक अपना रब था एक अपना तू था पर जब आंखें खुली तो दोनों ही हकीकत वाकिब दिया
हर तड़पते हुए लम्हे बिताए है हमने हर खुशी पर गम के आंसू बहाए हैं हमने बर्बादी का जश्न तो जमाना मनाते रहे अपने ही जख्मों पर नमक लगाया है हमने शायर जख्मी दिलीप
ना हम रहे दिल लगाने के काबिल ना दिल रहा गम उठाने के काबिल लगे उसके यादों के जख्म दिल पर इस कदर ना छोड़ा उन्होंने फिर हमे मुस्काने के काबिल शायर Jakhmi Dilip
🌹 मोहबत को जो निभाते हैं उनको मेरा सलाम है, और जो बीच रास्ते में छोड़ जाते हैं उनको, हुमारा ये पेघाम हैं, “वादा-ए-वफ़ा करो तो फिर खुद को फ़ना करो, वरना खुदा के लिए किसी की ज़िंदगी ना तबाह करो”
इतनी उम्मीद मुझसे मत रखो, टुटा हुआ हूँ/ कही आप की उम्मीद भी नहीं तोड़ दूँ.
बहुत दिनों बाद रोया हूँ, कसम से काफी दिनों से नहीं सोया हूँ.
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