जैसा भी हूं अच्छा या बुरा अपने लिये हूं, मै खुद को नही देखता औरो की नजर से….!!!
चलो आज फिर थोडा मुस्कुराया जाये, बिना माचिस के कुछ लोगो को जलाया जाये.....!!!
न मेरा एक होगा, न तेरा लाख होगा, तारिफ तेरी, न मेरा मजाक होगा, गुरुर न कर शाह-ए-शरीर का, मेरा भी खाक होगा, तेरा भी खाक होगा.......!!!
ग़ज़ब की एकता देखी लोगों की ज़माने में, ज़िन्दों को गिराने, मुर्दों को उठाने में.......!!!
ना शाख़ों ने जगह दी ना हवाओ ने बक़शा, वो पत्ता आवारा ना बनता तो क्या करता…..!!!
अच्छे होते हैं बुरे लोग, कम से कम अच्छे होने का, वे दिखावा तो नहीं करते.........!!!
तुम्हारी नफरत पर भी लुटा दी ज़िन्दगी हमने, सोचो अगर तुम मुहब्बत करते तो हम क्या करते…..!!!
कदर करनी है, तो जीतेजी करो, अरथी उठाते वक़्त तो नफरत करने वाले भी रो पड़ते है………..!!!
होते हैं शायद नफरत में ही पाकींजा रिश्तें, वरना अब तो तन से लिबास उतारने को लोग मोहब्बत कहते हैं….!!!
हंसने के बाद क्यों रुलाती है दुनियां, जाने के बाद क्यों भुला देती है ये दुनियां, जिंदगी में क्या कोई कसर बाकी थी, जो मरने के बाद भी जला देती है ये दुनियां.......!!!
देख के हमको वो सर झुकाते हैं, बुला कर महफ़िल में नजरें चुराते हैं, नफरत हैं तो कह देते हमसे, गैरों से मिलकर क्यों दिल जलाते हैं.......!!!
ये मोहब्बत है या नफरत कोई इतना तो समझाए, कभी मैं दिल से लड़ता हूँ कभी दिल मुझ से लड़ता है…...!!!
वो जो हमसे नफरत करते हैं, हम तो आज भी सिर्फ उन पर मरते हैं, नफरत है तो क्या हुआ यारो, कुछ तो है जो वो सिर्फ हमसे करते हैं...........!!!
जब से पता चला है, की मरने का नाम है "जींदगी", तब से, कफ़न बांधे कातील को ढूढ़ते हैं.........!!!
हमें भुलाकर सोना तो तेरी आदत ही बन गई है... ऐ सनम, किसी दिन हम सो गए तो तुझे नींद से नफ़रत हो जायेगी......!!!
Irinxva is offline
Shailendra is offline
Markstrong is offline
Priyanshu is offline
Bijit is offline
aman is offline
Suman is offline
ali is offline
sk is offline
Pawan is offline
Shivam is offline
Prakhar is offline
Shiv kumar is offline
Egofever is offline
Please Login or Sign Up to write your book.